कोरोना वायरस के संकट के बीच पाकिस्तान में पोलियो के नए मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तीन लड़कों को लकवा मार दिया है।

इस्लामाबाद (एएनआई)पाकिस्तान में जहां स्वास्थ्य अधिकारियों को कोरोना वायरस रोगियों की बढ़ती संख्या से निपटना मुश्किल हो रहा है, वहीं देश में पोलियो वायरस के कई नए मामले सामने आए हैं, जो वर्तमान स्वास्थ्य संकट को और खराब कर रहे हैं। डॉन न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तीन लड़कों लकवा मार दिया है। इसी तरह, पाकिस्तान में पोलियो पीड़ितों की संख्या सोमवार तक 36 हो गई है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के लिए काम करने वाले एक अधिकारी ने पुष्टि की कि लक्की मारवाट जिले के रहने वाले एक नौ महीने के बच्चे के दाहिने ऊपरी अंग को लकवा मार गया है, वह भी पोलियो वायरस से संक्रमित होने वाले वाले तीन बच्चों में से एक है।

पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होता है पोलियो का खतरा

पोलियो पोलियोवायरस के कारण होने वाला एक अत्यधिक संक्रामक रोग है और यह मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। पोलियोवायरस नर्वस सिस्टम को टारगेट करता है और गंभीर परिस्थितियों में मृत्यु सहित पूरे शरीर में पैरालिसिस का कारण बन सकता है। जबकि पोलियो के लिए कोई इलाज नहीं है, बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। हर बार जब पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाया जाता है, तो वायरस के खिलाफ उनकी सुरक्षा बढ़ जाती है।

लोगों ने अपने बच्चों को टीका लगवाने से कर दिया था इनकार

2019 में, दुर्भावनापूर्ण एंटी-वैक्सीन अभियानों के बाद पोलियो के मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई थी। वहां लोगों ने अपने बच्चों को पोलियो का टीका लगवाने से साफ इनकार कर दिया था। यहां टीका देने वाले कर्मचारियों पर हमला भी किया था। बता दें कि पोलियो को दुनिया से काफी हद तक खत्म कर दिया गया है लेकिन पाकिस्तान व अफगानिस्तान में अभी भी पोलियो के कई मामले दर्ज हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में पाकिस्तान पर पोलियो-जुड़े यात्रा प्रतिबंध लगाया था। तब से, विदेश यात्रा करने वाले प्रत्येक पाकिस्तानी को अन्य वैध दस्तावेजों के साथ पोलियो टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाना पड़ता है।

Posted By: Mukul Kumar