सीबीएसई के द्वारा पहले अलग-अलग जोन लेवल पर क्वेश्चन पेपर तैयार किए जाते थे लेकिन इस बार ऑल इंडिया बेसिस पर एक ही प्रश्नपत्र सेट करने का नियम लागू किया गया. जानकारों का मानना है कि इस नियम के बदलाव के कारण ही पेपर लीक का सबसे बड़ा धब्बा लगा है.

RANCHI (29 March): अब दोनों ही पेपर की परीक्षा फिर से होगी, बच्चों को फिर से तैयारी करनी होगी, छुट्टियों की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गईं। दसवीं के मैथ्स और 12वीं के इकोनॉमिक्स का क्वेश्चन लीक हुआ है, जिस कारण दोनों एग्जाम्स कैंसिल कर दी गई हैं। इसका खामियाजा पूरे देश के बच्चों को भुगतना पड़ेगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मामले की पड़ताल करते हुए प्रिंसिपल्स और स्टूडेंट्स से जानी उनकी राय

 

इस तरह का कुकृत्य करनेवाले ने 20 हजार स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के भविष्य और भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। सीबीएसई को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ करनी चाहिए, ताकि भविष्य में फिर से ऐसी घटना न हो।

डा। रामसिंह, प्रिंसिपल, डीपीएस

 

यह सीबीएसई के स्वर्णिम इतिहास पर सबसे बड़ा काला धब्बा लग गया। बच्चों के मन में निराशा घर कर रही है लेकिन इसके अलावा विकल्प भी नहीं है क्योंकि पेपर लीक हो चुके हैं। बच्चों के साथ हम सब खड़े हैं और पूरी मेहनत के साथ अच्छा रिजल्ट लाने का प्रयास करना है.

एसके मिश्रा, प्रिंसिपल

इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

 

ऐसे सिचुएशन में बच्चों को धैर्य रखना चाहिए। इस तरह की चुनौतियां बाहरी जीवन में भी खूब सामने आती हैं, जिनका डटकर मुकाबला करना और उसे पराश्त करना ही सफलता की ओर ले जाता है।

मनोहर लाल, प्रिंसिपल, गुरुनानक स्कूल

 

इस तरह की स्थिति बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। रिएग्जामिनेशन कहीं से भी बेहतर नहीं है, लेकिन मजबूरी यह है कि इसका कोई विकल्प ही नहीं है। प्रश्नपत्र लीक कर गया है तो निश्चित तौर पर फिर से परीक्षा होनी चाहिए। बच्चे भी इस बाते से सहमत हैं कि जो लोग मजबूती से तैयारी करते हैं वे लोग घबराते नहीं।

श्रीमती किरण, प्रिंसिपल, विवेकानंद विद्यामंदिर

 

बच्चों की तैयारी को सीधा चैलेंज दिया जा रहा है। किसी बच्चे को पहले ही क्वेश्चन पेपर मिल गया, जबकि दूसरे सभी बच्चे अपनी तैयारी पर डटे रहे। ऐसे में नाइंसाफी होगी कि उन तैयारी करने वाले बच्चों को दोबारा मौका न मिले। लेकिन बच्चों की छुट्टियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

संगीता राज, प्रिंसिपल, हिलटॉप स्कूल

 

 

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क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

 

इस तरह के हालात में हम स्टूडेंटस की क्या गलती है। हम लोगों ने क्या कड़ी तैयारी करने की भूल की है। सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से मेरे जैसे लाखों स्टूडेंटस जो तनाव झेल रहे हैं, उसके लिए आखिरकार कौन जिम्मेदार है।

यशस्विनी चौधरी

 

अगर पेपर लीक हो ही चुका है, तो उसको कैंसिल करना ही चाहिए। क्योंकि ऐसे में कुछ लोग बिना पढ़ाई के ही अच्छे नंबर ले आएंगे, जबकि हम डटकर तैयारी करनेवाले एवरेज रैंकिंग का शिकार हो जाएंगे.

स्निग्धा दयाल

 

बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कुछ लोगों की गलती की सजा हम सभी स्टूडेंटस को मिल रही है, जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। हमलोग बहुत परेशान हो गए हैं।

सौम्या पांडेय

 

बहुत मेहनत से परीक्षा की तैयारी की थी। मैथ्स की परीक्षा हमेशा से ही हम सब लोगों को डराती है। हमें डरानेवाला पेपर फिर से देना होगा। ये सिस्टम में बैठे लोग हम बच्चों के बारे में सोचते क्यों नहीं हैं।

निधि सुमन

 

परीक्षा फिर से अनाउंस हो गई है, अब देनी तो होगी ही, लेकिन इसका प्रेशर बहुत ज्यादा है। मैंने तो पूरी छुट्टियों की प्लानिंग कर ली थी, बाहर जाना था, टिकट हो गया था अब सब गड़बड़ हो गया। बहुत बुरा लग रहा है।

श्रेष्ठा सिंह

Posted By: Inextlive