- क्लास के बाद अंधेरे में घर वापसी की सता रही चिंता

- साइंस स्टूडेंट्स के लिए डीएवी की कक्षाएं शाम को हैं चलनी

- दूरदराज के स्टूडेंट्स हो रहे परेशान

DEHRADUN: डीएवी पीजी कॉलेज में इस बार स्टूडेंट्स को पढ़ने के लिए भारी परेशानी झेलनी होगी। परेशानी की वजह कॉलेज का नया टाइम टेबल होगा। कॉलेज प्रशासन ने साइंस स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए दोपहर के बाद क्लासेज आयोजित किए जाने का टाइम टेबल लागू करने का फैसला किया है। जिस कारण दूर दराज से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज आने जाने में भारी परेशानी उठानी होगी।

ग‌र्ल्स के लिए बन रहा मुसीबत

डीएवी पीजी कॉलेज छात्र संख्या के लिहाज से स्टेट का सबसे बड़ा कॉलेज है। ऐसे में यहां राजधानी के अलावा बाकी जिलों के स्टूडेंट्स भी पढ़ने आते हैं। कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जो रोजाना दूर दराज के इलाकों से कॉलेज आते हैं। इन स्टूडेंट्स में सैंकड़ों गर्ल स्टूडेंट्स भी शामिल हैं। जो तकरीबन फ्0 से भ्0 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद क्लासेज अटेंड करने आती हैं। लेकिन नए टाइम टेबल शेड्यूल पर गौर करें तो यह स्टूडेंट्स दिन में पढ़ाई करने आ जाएंगे। लेकिन कॉलेज वापसी घर की राह बेहद तकलीफ देय होगी।

अंधेरे में सुरक्षा की सता रही चिंता

गर्ल स्टूडेंट्स को नए टाइम टेबल से सबसे बड़ी परेशानी अपनी सुरक्षा को लेकर है। दरअसल ऐसे स्टूडेंट्स दो घंटे से ज्यादा का सफर तय करने के बाद कॉलेज तो पहुंच जाएंगे। लेकिन दो से म् बजे तक के टाइम शेड्यूल के कारण वे वापस घर पहुंचने के लिए अंधेरे में कॉलेज से निकलेंगे। जिस कारण वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं हैं। दूसरी ओर ट्रांसपोर्ट को लेकर भी उन्हें चिंता सता रही है।

छात्र संगठन भी कर रहे विरोध

साइंस स्ट्रीम से जुड़े स्टूडेंट्स इसे लेकर कॉलेज प्रशासन से बदलाव की गुहार लगा रही है। इसके लिए उन्होंने लिखित रूप से भी कॉलेज प्रशासन से आग्रह किया है कि टाइम टेबल को पूर्व की भांति रखा जाए। वहीं, दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन के इस कदम को छात्र नेता भी विरोध कर रहे हैं। उनके द्वारा पहले ही इस मामले में छात्राओं की सुरक्षा और परेशानियों को देखते हुए कॉलेज प्रिंसिपल को ज्ञापन तक दिया जा चुका है। मामले में छात्र नेताओं ने आंदोलन करने तक की चेतावनी दी है।

छात्र संख्या को कंट्रोल करना है मकसद

कॉलेज प्रशासन की माने तो यह कदम मानकों के तहत उठाया गया है। उनका कहना है कि कॉलेज में क्लासरूम की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या को सेक्शंस में बांटते हुए ही नया टाइम टेबल तैयार किया है। टाइम टेबल के हिसाब से क्लासेज इसी टाइम पर संचालित की जा सकती है। इसके बाद भी छात्र-छात्राओं की परेशानी को दखते हुए कॉलेज टाइम टेबल को जितना संभव होगा रिवाइज करने का काम करेगा।

नए सिस्टम के तहत कॉलेज में पीजी और यूजी के ख्ब् डिपार्टमेंट हैं। इनमें एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को पढ़ाने का जिम्मा भी हमारा है। नए टाइम टेबल में ज्यादा परेशानी बॉटनी और जूलॉजी स्टूडेंट्स को है। गर्ल स्टूडेंट्स की परेशानी कॉलेज समझता है। इसी लिए टाइम टेबल कंवीनर को इसका समाधान करने के लिए कहा जा रहा है।

----- डा। देवेंद्र भसीन, प्रिंसिपल, डीएवी पीजी कॉलेज

विकासनगर से कॉलेज रोजाना आती हूं। सफर में करीब दो से ढाई घंटे लग जाते हैं। क्लासेज देर तक चलेंगी तो ट्रांसपोर्ट की बहुत परेशानी होगी। इसके अलावा देर रात में घर जाना भी थोड़ा सेफ्टी प्वाइंट से डरा रहा है।

---- खैरुनिशा, स्टूडेंट

ग‌र्ल्स को देखते हुए टाइम टेबल में कुछ बदलाव करने चाहिए। नए टाइम टेबल के लागू होने के बाद कॉलेज आना जाना मुश्किल हो जाएगा। कॉलेज को इसे लेकर कुछ करना होगा।

-------- शामली दुबे, स्टूडेंट

रायपुर से कॉलेज आती हूं। नया टाइम टेबल काफी परेशानी खड़ी करेगा। हमारे द्वारा कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से रिक्वेस्ट की जा रही है। लेकिन अभी तक कुछ समाधान नहीं निकला है। ग‌र्ल्स काफी परेशान हैं।

---- नैना पांडे, स्टूडेंट

घर से कॉलेज आना परेशानी नहीं है, लेकिन देर शाम को कॉलेज से घर जाना थोड़ा परेशान कर रहा है। छह बजे क्लासेज छूटने के बाद प्रैक्टिकल का भी वक्त अलग होगा। यही कारण है कि टेंशन हो रही है।

---- शिल्पा नेगी, स्टूडेंट

मैं रुड़की से कॉलेज पढ़ने आता हूं। कई बार ट्रांसपोर्ट दिन में भी परेशान करता है। अब अगर देर शाम को कॉलेज छूटेगा तो घर लौटने में काफी दिक्कत आएगी। रूम लेकर यहां रहना आर्थिक रूप से भारी पड़ेगा।

---- आशीष कुमार, स्टूडेंट

Posted By: Inextlive