-यंगस्टर की टीम होती जा रही है बेहद खतरनाक

-टाइम बम व रिमोट बम बनाने में भी हो चुकी है एक्सपर्ट

-डेटोनेटर और सर्किट की बरामदगी ने पुलिस की नींद उड़ाई

ALLAHABAD: जरायम जगत में कदम रखने वाले नए लड़के बेहद अपडेट हैं। इतने एक्सपर्ट हैं कि टाइम बम और रिमोट कंट्रोल बम को आपरेट कर सकते हैं। उनके इरादे बेहद खौफनाक हैं। उनके इरादों की जानकारी पुलिस को डॉ। दिलीप के यहां लूट करके भागते हुए पकड़े गए आकाश से पूछताछ के दौरान हुई। एसएसपी दीपक कुमार ने मंगलवार को यह खुलासा किया। पूछताछ में आकाश ने बताया कि डॉक्टर दिलीप के यहां लूट को अंजाम देने में प्रतापगढ़ का गौरव उर्फ निखिल, खीरी का धर्मेन्द्र सिंह और अल्लापुर का मुकेश सोनी शामिल था।

विस्फोटक का जखीरा देख होश उड़े

प्रथम दृष्टया घटना लूट की थी। लेकिन, रात में पुलिस ने स्पॉट पर ही पकड़ लिए गए आकाश से पूछताछ के साथ उसके साथी रवि मौर्या के यहां दबिश दी तो सन्नाटे में आ गई। अल्लापुर में रेंट पर रहने वाला रवि कमरे में नहीं था लेकिन उसके कमरे से पुलिस को 8 पाइप बम, डेटोनेटर, वायर, ग्रे कलर का पाउडर जो देखने में बारूद जैसा था, देशी डेटोनेटर, सोल्डिंग आयरन, बैट्री, इलेक्ट्रानिक सर्किट प्लेट, दो घडि़यां मिलीं। इतने सारे सामानों का इस्तेमाल शहर को हिलाकर रख देने के लिए काफी था। पुलिस को शक है कि रवि मौर्या इसी कमरे से बम बनाने की फैक्ट्री चलाता होगा। ऐसा पाइप बम जो मूवीज में ही दिखता है। इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगा देने पर वह टाइम बम में कन्वर्ट हो सकता है जिसे रिमोट से उड़ाया जा सकता है। इसमें हाई क्वालिटी का बारूद इस्तेमाल हुआ है।

आधा दर्जन से अधिक हिरासत में

रात भर दबिश में पुलिस तीनों वांटेड बदमाशों को भले ही अरेस्ट न कर पाई, लेकिन इस आपरेशन में कई राज खुले। फिर पुलिस ने इस केस से जुड़े आधा दर्जन से अधिक लड़कों को पकड़ा है। ज्यादातर टीन एजर हैं। इंटर और बीए में स्टडी करने वाले ये लड़के कैसे अपराध जगत में शामिल हो गए? इसके जानकारी के लिए जार्जटाउन पुलिस पूछताछ में जुटी है।

बाक्स

नक्सलियों से सेटिंग तो नहीं

जिस तरह से टाइम बम बनाने के बारे में पुलिस दावा कर रही है, उससे अंदेशा है कि आने वाले दिनों में और बड़ा खुलासा हो सकता है। शक यह भी है कि इनका नक्सलियों से तो कोई कनेक्शन नहीें है। क्योंकि, बिना ट्रेनिंग के इस डिवाइस को आपरेट करना मुश्किल है। फिर कोई जानलेवा काम अपने रूम में क्यों करेगा? नक्सली आईईडी के जरिए बड़ी घटना को अंजाम देने में यही टेक्निक इस्तेमाल करते हैं। फिर, सिम्पल लूट करने वालों के पास खतरे का इतना सामान आया कैसे? यह जानने के लिए खुफिया विभाग की टीमें भी लग गई हैं। ऐसा तो नहीं कि लड़के किसी देशद्रोही संगठन में शामिल हो चुके हैं। एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि रवि के पकड़े जाने के बाद ही इन सवालों का जवाब मिलेगा।

बाक्स

कैसे बनाते थे बम

पुलिस ने मौत का सामान बरामद करने के बाद यह भी जानने की कोशिश की कि आखिर इसे फिनिशिंग टॅच दिया कैसे जाता होगा। पुलिस ने बताया कि बम बनाने के लिए ये लोहे की हैंडी पतली पाइप यूज करते हैं। इसके एक सिरे को कटर से काटने के बाद चूड़ी बनाकर ब्लाक कर दिया गया था। दूसरी ओर खुला रहता है। उसमें नीचे सीमेंट भरा जाता है। उसके बाद बारूद और फिर स्पींटर (लोहे के कण) भरे थे। बीच में दो डेटोनेटर सेट थे। दोनों को दो तार जोड़कर बाहर निकाला गया था। विस्फोट के लिए इसे बैट्री से कनेक्ट करना होता है। जैसे ही पॉवर सप्लाई मिलेगी निचला हिस्सा हीट होगा और वह ब्लास्ट कर जाएगा। इसे टाइम बम में कन्वर्ट करने के लिए तार से सर्किट बनाकर टाइमर कनेक्ट किया जाता है। यही रिमोट बम में भी काम आता है। इसके लिए रिमोट के चलने वाले खिलाने की सर्किट इस्तेमाल होती है।

चौंकाने वाली कहानी

-बरामद सामानों में टाइम बम, रिमोट पाइप बम भी शामिल

-बारूद जैसा मॅटिरियल बड़ी मात्रा में था। बारूद कन्फर्म करने के लिए जांच को भेजा गया

-डेटोनेटर, लोहे की कटी राड, बारुद, बैट्री और सर्किट बरामद

-नक्सली यूज करते हैं यह टेक्निक

बरामदगी ने खड़े किए सवाल

-मामूली लुटेरों के पास बड़ी मात्रा में मौत के इस सामान का क्या काम

-इतने सामान से बैंक की तिजोरी भी उड़ाई जा सकती है

-मंसूबा क्या था यह करने वालों का

-क्या शहर में नक्सली जमा चुका हैं डेरा?

-ऐसे बम बनाने की ट्रेनिंग कहां से मिली

वर्जन

इलाहाबाद में ऐसा पहली इतने बम और विस्फोटक सामग्री मिली है। एटीएस को बता दिया गया है। टीम जांच में जुटी है। बाकी आरोपियों की अरेस्टिंग के बाद पूरा राज खुलेगा।

दीपक कुमार

एसएसपी

बाक्स

टाइम बम से मचा था हड़कंप

टाइम बम इलाहाबाद के लिए नया नहीं है। कुछ साल पहले औद्योगिक थाना एरिया में टाइम बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें एक महिला जख्मी हुई थी। जांच करने पहुंची बीडीएस टीम को घर के बाहर जमीन में दबे दो और टाइम बम मिले थे। बम डिस्पोजल यूनिट ने उसे डिफ्यूज किया था। बम की क्वालिटी इतनी जबरदस्त थी कि जरा सी चूक पर बीडीएस का एक जवाब भी जख्मी हो गया। जांच में पता चला था कि एक युवक का संबंध नक्सलियों से है। उसने एमपी से बम बनाने को ट्रेनिंग ली है। इसकी जांच करने खुद तत्कालिन आईजी सूर्य कुमार शुक्ला पहुंचे। उन्होंने घायल महिला के घर की तलाशी ली तो सर्किट और डेटोनेटर मिले। पुलिस ने महिला के साथ उसके बेटे को जेल भेजा था।

Posted By: Inextlive