-काशी विद्यापीठ में दोबारा VC बने डॉ। पी। नाग

- बोले अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए मिला मौका, गंगापुर कैंपस में आयुर्वेद कॉलेज खोलने को बताया प्राथमिकता

VARANASI:

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वीसी पद पर दोबारा अपॉइंट हुए डॉ। पृथ्वीश नाग ने कहा कि उन्हें शैक्षिक सुधार के अधूरे कार्यो को पूरा करने का मौका मिल गया है। ऐसे में गंगापुर कैंपस में आयुर्वेद कॉलेज खोलना उनकी प्राथमिकता है। इसकी रूपरेखा तैयार कर इस योजना को मूर्त रूप देने का जल्द प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी को पहले ही गवर्नमेंट से आयुर्वेद व पैरामेडिकल कोर्स की मान्यता व संबद्धता अधिकार मिल चुका है। ऐसे में गंगापुर कैंपस में आयुर्वेद व पैरामेडिकल कोर्स स्टार्ट करने की बाधा दूर हो चुकी है। बताया कि स्किल डेवलपमेंट के लिए बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स, पांच वर्षीय एलएलबी, पर्यटन में डिप्लोमा सहित कई नए कोर्स भी शुरू करने का डिसीजन लिया गया है।

एन्क्रोचमेंट फ्री होगा कैंपस

डॉ। पी नाग ने कहा कि काशी विद्यापीठ कैंपस की भूमि पर कई तरफ अवैध कब्जे हुए हैं। कैंपस को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए गवर्नर हाउस व गवर्नमेंट को लेटर लिखने का डिसीजन लिया गया है। उन्होंने कहा कि कैंपस के एन्क्रोचमेंट फ्री होने से सिटी में यूनिवर्सिटी के विस्तार को भूमि मिल जाएगी।

ढोल पर थिरके, उड़ाए रुपये

डॉ। पी। नाग के दोबारा वीसी बनने की खबर मिलते ही कैंपस के टीचर्स व कर्मचारी खुशी से उछल पड़े। इस दौरान वे अपनी मर्यादा भी भूल गए। शालीनता का पाठ पढ़ाने वाले टीचर्स ने ढोल-नगाड़े की थाप पर कुछ इस तरह ठुमके लगाए कि स्टूडेंट्स भी शरमा गए। इतना ही नहीं इन टीचर्स ने नोट भी उड़ाए। इसमें कर्मचारी भी उनका खुलकर साथ देते रहे।

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'सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मुहिम होगी तेज'

- संस्कृत यूनिवर्सिटी के नये वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे ने दिया आश्वासन

- पदभार ग्रहण करने से पहले विश्वनाथ व मां अन्नपूर्णा का किया दर्शन-पूजन

VARANASI:

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के नवनियुक्त वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे ने कहा कि प्राच्य विद्या की अपनी संस्था को और संवारेंगे। इस क्रम में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनवाने की मुहिम और तेज की जाएगी। उन्होंने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए गवर्नमेंट को प्रपोजल भेजा जा चुका है। गवर्नर एनओसी के लिए गवर्नमेंट को भी लेटर लिख चुके हैं। एनओसी मिलते ही प्रपोजल सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राच्य विद्या के प्रचार-प्रसार की दृष्टि से सरस्वती भवन में संरक्षित दुर्लभ पांडुलियियों को मार्च तक ऑनलाइन किया जाएगा। पांडुलियियों को ऑनलाइन करने का काम दो फेज में किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के फ्ख्वें वीसी प्रो। दुबे ने कार्यभार ग्रहण करने के पहले बाबा विश्वनाथ व मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन किया। दोपहर बाद उन्होंने वीसी पद का कार्यभार संभाला। इसके बाद लाइब्रेरी सहित विभिन्न डिपार्टमेंट का इंस्पेक्शन किया। इलाहाबाद के निवासी प्रो। दुबे सन् ख्00ब् में संस्कृत यूनिवर्सिटी के बौद्ध दर्शन में प्रोफेसर पद पर अपॉइंट हुए थे। इससे पहले वह कौशांबी स्थित डिग्री कॉलेज में टीचर रहे। यूनिवर्सिटी में वह प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार, फाइनेंस ऑफिसर, डीन सहित कई पदों पर कार्य कर चुके हैं। प्रो। दुबे के वीसी बनने पर यूनिवर्सिटी में खुशी का माहौल रहा। लोग उन्हें बधाईयां दे रहे थे।

Posted By: Inextlive