सह अभियुक्त भी मुकदमें में शामिल होंगे। 29 को कोर्ट आरोप तय करेगा।

प्रयागराज (ब्यूरो)। पूर्व विधायक विजमा यादव सहित अन्य सह अभियुक्तों के खिलाफ अब डकैती, आगजनी व धमकी देने आदि का मुकदमा चलेगा। यह आदेश एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने अभियुक्त विजमा यादव द्वारा पेश किए गए डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को दिया। न्यायाधीश ने आरोप तय करने के लिए 29 सितंबर की डेट मुकर्रर किया है।

झूंसी थाना क्षेत्र का है केस

झूंसी थाना क्षेत्र के ग्राम उस्तापुर महमूदाबाद में 29 व 30 जून 2005 में घटना हुई थी। प्रधान शशी देवी के दो घरों पर अभियुक्त मूलचंद्र यादव, विजमा यादव, राजू यादव, ज्ञानचंद्र यादव, अमर सिंह, अशोक निषाद, लोहा सिंह, जबर सिंह, राजू, लालचंद्र व दस बारह लोग अज्ञात मिल कर जेवरात, कपड़ा, राइफल, कारतूस लूट लिए। आरोप है कि विजमा यादव के ललकारने में साथ रहे अन्य आरोपितों ने घर में आग लगा दिया था।

घर में लगा दी गई थी आग

घटना के दौरान झूंसी के दरोगा पद्माकर राय ने प्रधान शशि देवी की पिटाई की और सिपाहियों से गाड़ी में लदवा लिया। आरोप है कि थाने पर लाकर गालियां देते हुए लाठियों से पिटाई की गई। घर में आग लगाए जाने से 140 बोरा अनाज व अन्य सामान के जलने के कारण 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ। तहरीर देने के बावजूद प्रधान की रिपोर्ट थाने पर नहीं लिखी गई। कोर्ट ने परिवाद मामले को दर्ज कर आरोपितों की तलबी का आदेश दिया। अभियुक्त अपनी जमानत भी करवा लिए।

तर्को को सुनने के बाद निर्णय

विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में पूर्व विधायक विजमा यादव व अन्य की ओर से प्रार्थना पत्र देकर खुद को निर्दोष बताया गया। इसलिए आरोप मुक्त किया जाय। विजमा यादव के अधिवक्ता लल्लन यादव ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह सम्भ्रांत महिला हैं। रंजिशन उन्हें फंसाया गया है। याचिनी शशि देवी के अधिवक्ता व सहायक शासकीय अधिवक्ता राजेश गुप्ता ने उनके तर्को का प्रबल विरोध किया। कहा कि पत्रावली पर अभियुक्तों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं। डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र खारिज किए जाने योग्य है। कोर्ट ने उभयपक्ष के तर्क सुनने के बाद अपने निष्कर्ष में पाया कि डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र बलहीन है व खारिज किए जाने का आदेश दिया।

क्यों हुई थी घटना

घटना के पीछे का कारण यह था कि 19 जून, 2005 को मोहन लाल यादव की हत्या कुछ व्यक्तियों द्वारा कर दी गई थी। हत्या से उत्तेजित होकर मृतक मोहन लाल के बड़े भाई मूलचंद्र यादव समेत अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर प्रधान शशी यादव के घर हमला करके घटना को अंजाम दिया गा था।

एसओ पद्माकर राय भी मुल्जिम

प्रधान शशि यादव के घर पर की गई दुस्साहसिक घटना में थाना झूंसी के तत्कालीन एसओ पद्माकर राय की भी भूमिका जबरदस्त बताई गई है। वे भी इस केस में अभियुक्त हैं और तक इस केस में फरार चल रहे हैं। हालांकि उनके मुकदमे की कार्यवाही अलग चल रही है।
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Posted By: Inextlive