लोगो: चालान का ऐलान

800

रुपए से ब्रांडेड आईएसआई मार्का हेलमेट का दाम होता है शुरू

250

रुपए से शुरू हो जाते हैं लोकल हेलमेट के रेट

-चालान से बचने के लिए महंगे की अपेक्षा सस्ते हेलमेट की खपत ज्यादा

PRAYAGRAJ: ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन पर बढ़ाई गई जुर्माने की रकम का असर सिटी में हेलमेट सेल पर भी खूब पड़ा है। हालांकि हेलमेट की खरीदारी में एक फैक्ट सामने आ रहा है कि लोगों को चालान की चिंता तो है, उन्हें अपने जान की फिक्र नहीं है। यही वजह है कि लोग लोकल हेलमेट खरीदने पर ही जोर दे रहे हैं। जबकि यह हेलमेट हादसों के वक्त उनके सिर की हिफाजत नहीं कर सकेगा।

जुर्माना बढ़ने के बाद आई तेजी

एक सितंबर से गाडि़यों के चालान पर जुर्माने की रकम बढ़ने के बाद से हर तरफ सुधार नजर आ रहे हैं। कभी हेलमेट न लगाने वाले भी अब हेलमेट की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं। हालांकि वह सिटी में रोड किनारे लगी दुकानों पर हेलमेट खरीद रहे हैं। महंगे हेलमेट की खरीद से बचने की खपत को देखते हुए दुकानदार भी लोकल हेलमेट रखना ज्यादा उचित समझ रहे हैं। हालांकि उनकी दुकानों पर हेलमेट ब्रांडेड भी होते हैं। मगर इसके रेड ज्यादा होने के कारण लोग इसे खरीदने से कतराते रहते हैं।

यह हैं हेलमेट के मानक

-बाइक चालकों के पास मौजूद हेलमेट आईएसआई मार्का होना चाहिए।

-हेलमेट का ऊपरी सतह मजबूत व चिकना होना चाहिए।

-दबाने पर जिस हेलमेट में लचक होती है उस पर भी चालान के प्रावधान हैं।

-हेलमेट ऐसा होना चाहिए कि एक्सीडेंट होने पर वह फटे नहीं।

-किसी गाड़ी के पहिये के नीचे सिर आने पर हेलमेट फिसल जाय

इधर पंद्रह दिनों से हेलमेट की बिक्री में ग्रोथ हुई है। मगर लोग महंगे हेलमेट लेने से बच रहे हैं। सस्ते हेलमेट लेने वालों में छात्रों व युवाओं की संख्या अधिक है। परिवार वाले लोग ही ब्रांडेड हेलमेट ज्यादा खरीदते हैं।

-रिंकू जायसवाल, दुकानदार सिविल लाइंस

हम तो वही हेलमेट लाते हैं जिसकी मार्केट में डिमांड होती है। महंगे हेलमेट हम लाकर करेंगे ही क्या, जब बिकेगा ही नहीं तो क्या करेंगे। यह तो सुरक्षा से जुड़ा मामला है, लोगों को खुद इसके बारे में कंजूसी नहीं करनी चाहिए।

-गिरजेश चौधरी, दुकानदार बालसन चौराहा

ब्रांडेड हेलमेट भी हम लोग रखते हैं। मगर उसकी बिक्री बहुत कम है। ग्राहक जो मांगेंगे हम उन्हें वही चीज देंगे। किसी पर दबाव तो नहीं बना सकते। हां समझा जरूर देते हैं कि महंगे व सस्ते हेलमेट में क्या फायदा व नुकसान है।

-पंकज केसरवानी, दुकानदार इलाहाबाद यूनिवर्सिटी रोड

Posted By: Inextlive