-कछार का नहीं बढ़ाया गया सर्किल रेट, प्रशासन भी चाहती है कि अधिक से अधिक हो रजिस्ट्री

-हाईकोर्ट ने कछार में नए निर्माण पर लगा रखी है रोक

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PRAYAGRAJ: हाईकोर्ट ने गंगा और यमुना के कछार में भवन निर्माण पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है। इसके बाद भी पिछले कई साल से लगातार कछार में भवन निर्माण हो रहे हैं। इसका परिणाम है कि आज पूरा कछार बाढ़ में डूबा हुआ है। हजारों मकान पानी से घिरे हुए हैं। उसके बाद भी डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को कछार क्षेत्र से रेवेन्यू बढ़ाने की चिंता है। तभी तो जिन आवासीय इलाकों में रजिस्ट्री हो रही है, वहां सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है। लेकिन कछार में, जहां रजिस्ट्री होनी ही नहीं चाहिए वहां सर्किल रेट जस का तस रखा गया है।

राजस्व वसूली पर है पूरा फोकस

कछार में भवन निर्माण पर पाबंदी के बाद भी लगातार जमीनों की रजिस्ट्री हो रही है। सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो रही है। लेकिन कछार से आ रहे राजस्व का परिणाम कितना भयानक होगा या फिर हो रहा है, इसकी परवाह किसी को नहीं है। जिलाधिकारी के आदेश व हस्ताक्षर के बाद आपत्तियों का निस्तारण करते हुए डिस्ट्रिक्ट में जमीनों व फ्लैट का नया सर्किल रेट जारी कर दिया गया है। इसमें अलग-अलग एरियाज के सर्किल रेट में दो से पांच प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। न्यू डेवलप्ड एरियाज के साथ ही डिमांडेड एरिया में सर्किल रेट बढ़ाया गया है। वहीं जहां रजिस्ट्री कम हुई है, वहां सर्किल रेट कम किया गया है।

नए और पुराने शहर में रजिस्ट्री पड़ेगी महंगी

एडमिनिस्ट्रेशन ने सिविल लाइंस, जॉर्ज टाउन, अशोक नगर, चौक, मम्फोर्डगंज एरिया का सर्किल रेट पांच परसेंट बढ़ा दिया है। वहीं अल्लापुर, दारागंज, बम्हरौली, कर्नलगंज, राजापुर, रामबाग, कीडगंज, मुट्ठीगंज, करेली, कालिंदीपुरम और झलवा के सर्किल रेट में दो से चार प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। नैनी, फाफामऊ, झूंसी, हंडिया और कोरांव कस्बे में सर्किल रेट पांच परसेंट बढ़ाया गया है।

कछार में क्यों नहीं बढ़ोत्तरी

कछारी इलाके की बात करें तो यहां जमीन की रजिस्ट्री कराने वालों को बड़ी राहत देते हुए सर्किल रेट में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। जबकि सर्किल रेट तो कछार में सबसे ज्यादा होना चाहिए। सलोरी, बेली, नीवां, बक्शी कलां, बघाड़ा के कछारी इलाके में सर्किल रेट बिल्कुल नहीं बढ़ाया गया है।

सर्किल रेट को आपत्तियों का निस्तारण करते हुए लागू किया गया है। कछार इलाके में जो जमीनें लोगों के नाम हैं, उनकी रजिस्ट्री हो सकती है। लेकिन नए भवन के निर्माण की स्वीकृति किसी को नहीं दी जा रही है।

-एमपी सिंह

एडीएम फाइनेंस

Posted By: Inextlive