प्रशासन हुआ सतर्क, पानी कम होते ही बढ़ेगा संक्रमण का खतरा

देर शाम तक चलती रही एक्सरसाइज, आपदा प्रबंधन विंग ने कसी कमर

PRAYAGRAJ: खबर राहत भरी जरूर है लेकिन इसके पीछे एलर्टनेस भी छिपी हुई है। हमीरपुर में केन और बेतवा का जलस्तर घटने के बाद यमुना-गंगा का जलस्तर जल्द ही घटने लगेगा। ऐसे में कछार के इलाकों में संक्रामक बीमारियों को लेकर प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ एक्सरसाइज शुरू कर दी है। शनिवार देर रात तक स्वास्थ्य विभाग के आपदा प्रबंधन विंग के साथ प्रशासनिक अधिकारी माथापच्ची करते रहे। उनका ध्यान घटते पानी के साथ फैलने वाली बीमारियों पर रोक लगाने पर केंद्रित था।

बांटे जा रहे पैकेट, लगेंगे डॉक्टर्स

शनिवार को केन और बेतवा का जलस्तर चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटने लगा। इसके बाद प्रयागराज में भी जल्द ही लोगों को बाढ़ से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन बाढ़ की वापसी के बाद गंदगी और कीचड से कइ तरह की बीमारियां फैलने का खतरा होता है। जिसको देखते हुए तमाम राहत शिविरों में दवाओं के पैकेट भिजवाए जाने लगे हैं। इनमें पेट दर्द, बुखार, उल्टी-दस्त की दवाओं के साथ स्किन ट्यूब व ओआरएस पावडर भी मौजूद है।

छाया मलेरिया डेंगू का खौफ

बाढ़ लौटने के बाद सबसे ज्यादा मक्खी और मच्छरजनित रोगों के संक्रमण का खतरा होता है। जिनमें डेंगू और मलेरिया के साथ खुजली, बुखार, पीलिया, टाइफाइड आदि का खतरा बढ़ जाता है। जगह-जगह गड्ढों में रुके पानी में पनपने वाले लार्वा संक्रामक रोगों को फैलाते हैं। इसके साथ ही प्रशासन ने नगर निगम को दवा का छिड़काव और साफ सफाई के भी ओदश दिए हैं।

आठ दिन में देखे गए 3200 मरीज

शहर में बनाए गए 13 राहत शिविरों में पिछले आठ दिनों में कुल 3200 मरीज देखे गए।

इनमें सर्वाधिक खुजली, दाद-खाज संक्रमण के थे।

इसके अलावा बुखार, पेट दर्द के मरीजों की संख्या में अच्छी खासी थी।

अधिकारियां ने बताया कि शिविरों में 13 स्टाफ नर्स और इतने ही फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वॉय भी लगाए गए हैं।

डॉक्टरों की ड्यूटी दो शिफ्ट में लगाई गई थी।

सीरियस मरीजों को जांच के लिए हॉस्पिटल में रिफर किया गया था।

हमारी ओर से दवाओं के पैकेट लोगों को बांटे जा रहे हैं। कोशिश है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोका जाए। इसके लिए हमारी टीम एलर्ट है।

डॉ। ऋषि सहाय,

नोडल, आपदा प्रबंधन स्वास्थ्य विभाग

Posted By: Inextlive