- भागीरथी नदी के 100 मीटर दायरे में निर्माण कार्य अवैध

- टीम ने नमामि गंगे और कूड़ा निस्तारण को लेकर अफसरों से ली जानकारी

UTTARKASHI: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की टीम ने सैटरडे को उत्तरकाशी में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट और नमामि गंगे के कार्यों का निरीक्षण किया। एनजीटी की टीम के प्रमुख व हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश यूसी ध्यानी ने कहा कि भागीरथी नदी के 100 मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं होने चाहिए, अगर हो रहे हैं तो वे अवैध हो रहे हैं। इन पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने नमामि गंगे, कूड़ा निस्तारण को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली। संडे को यह टीम गंगोत्री में एसटीपी व कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था देखेगी।

भागीरथी में न डाले मलबा

गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता को लेकर एनजीटी की ओर से गठित तीन सदस्य समिति उत्तराखंड में निरीक्षण के लिए आई है। देवप्रयाग, नई टिहरी आदि स्थानों का निरीक्षण करने के बाद टीम सैटरडे को उत्तरकाशी पहुंची। इस टीम के प्रमुख एवं हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश यूसी ध्यानी सहित अन्य अधिकारियों ने उत्तरकाशी में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। इसके बाद जिला सभागार में टीम के प्रमुख एवं हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश यूसी ध्यानी ने डीएम व अन्य अधिकारियों से नमामि गंगे के कार्यों की स्थिति, कूड़ा निस्तारण की स्थिति के बारे में जानकारी ली। कूड़ा निस्तारण के मामले में डीएम डॉ। आशीष चौहान ने जानकारी दी कि कंपोस्ट पिट के तहत शहर के कूड़ा का निस्तारण करने की व्यवस्था की जा रही है। कॉम्पेक्टर मशीन लगा दी गई है। शहर के आसपास के सात नाले टेप किए गए हैं। इसके अलावा कोटी गांव नाला और ज्ञानसू नाले को भी टेप करने की कार्रवाई की जा रही है। एनजीटी की टीम ने नालूपानी के पास डाले गए कूड़े को लेकर भी सवाल पूछा। इस पर डीएम ने कहा कि इस मामले में ईओ को निलंबित किया गया था। इसके साथ ही एनजीटी टीम के अधिकारियों ने डीएम को निर्देश दिए कि चारधाम परियोजना में सड़क क¨टग का मलबा भागीरथी में न डाले, इसके लिए डं¨पग जोन बनाए जाएं।

Posted By: Inextlive