--व‌र्द्धमान ब्लास्ट मामले में नौ आतंकियों की तलाश है नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी को

--गिरफ्तार संदिग्धों के बताये नाम का कोई बुजुर्ग मिल रहा है, तो कोई नौ साल का बच्चा

RANCHI: पश्चिम बंगाल के व‌र्द्धमान में हुए बम ब्लास्ट मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम लगातार आतंकियों की धर-पकड़ कर रही है। पिछले दिनों एजेंसी ने साहेबगंज जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संग्रामपुर से दो संदिग्धों सलाउद्दीन शेख व जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था। उनके कनफेशन के आधार पर एनआइए व साहेबगंज पुलिस अन्य आतंकियों की तलाश में छापेमारी कर रही है, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिल पा रही है। इस बाबत जिले के एसपी प्रवीण कुमार भी सकते हैं, क्योंकि संदिग्धों ने पुलिस और एनआइए को आतंकियों व उनके समर्थकों के जो नाम बताएं हैं, वे नेम मिस्ट्री कांड के अनुसंधान को प्रभावित कर रहे हैं।

सभी शख्स िमले अलग-अलग

आतंकियों की नेम मिस्ट्री एनआइए के लिए चुनौती बन गई है। एक आदमी के ढेर सारे नाम के कारण एनआइए को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस की पकड़ से दूर रहने के लिए ये लोग अपने ओरिजिनल नेम को संगठन के कुछ चुनिंदा लोगों को ही बताते हैं। आइएम का सुप्रीमो खुद एक नाम का चयन करता है, और उसे दे दिया जाता है। संगठन में उसके अन्य सहयोगी भी उसी नाम से उसे जानते हैं। जब पुलिस मामले की छानबीन करने पहुंची तो उन नामों से कोई बुजुर्ग था तो कोई आठ-नौ साल का बच्चा?

रांची में भी हुई थी मुश्किल

हैदराबाद बम ब्लास्ट कांड के आरोपी रांची के मंजर इमामुद्दीन उर्फ मंजर इमाम उर्फ जलील उर्फ अबु हनीफ को मार्च में कांके थाना पुलिस के सहयोग से सीआइपी के पास दबोच लिया गया था। केरल की एर्नाकुलम पुलिस व लखनऊ एनआइए की टीम ने यह खुलासा किया था कि असल में मंजर इमाम ही अबु हनीफ है। उस पर केरल से लेकर सूरत तक के आतंकी वारदातों में भागीदारी के अारोप थे।

दानिश को रियाज जानती थी गुजरात एटीएस

गुजरात सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने जिस दानिश को गुजरात बम ब्लास्ट में स्टेशन के पास से अरेस्ट किया था। गुजरात एटीएस की टीम उसे रियाज के नाम से जानती थी। इसलिए उसकी अरेस्टिंग जल्द नहीं हो सकी थी। जब एनआइए की टीम ने पहली बार रांची में धावा बोला तो घर से पता चला कि रियाज का असल नाम दानिश है। इसके बाद उसका नाम दानिश रियाज हो गया।

तहसीन उर्फ अख्तर उर्फ तबरेज उर्फ मोनू, किसे पकड़े एनआइए

पटना बम ब्लास्ट कांड का मास्टर माइंड तहसीन उर्फ अख्तर उर्फ तबरेज उर्फ मोनू के भी कई नाम थे। ऐसे में एनआइए किसे पकड़े। यह खुलासा एनआइए ने जब तहसीन को पकड़ा तो हुआ। हालांकि लोकल पुलिस कई बार पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ दी थी। दो साल पूर्व हजारीबाग में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी मीर तौसिफ उर्फ मामा पेलावल स्थित मकान से पकड़ाया था्। जम्मू कश्मीर पुलिस के हत्थे चढ़े आतंकी एहतेशाम और अशफाक ने पुलिस को जानकारी दी थी कि वे लोग झारखंड में रह कर ही बम विस्फोट की प्लानिंग करते थे। उन्हें मामा ही सारा सामान उपलब्ध कराता था।

Posted By: Inextlive