- संदिग्ध रामचंद्र को लेकर वापस लौटे डीआईजी एनआईए

-चेन्नई एक्सप्रेस में लगी आग के तार जोड़ने आई थी शीर्ष एजेंसी

-परतापुर, दौराला क्षेत्र में मारी दौड़, संदिग्ध ने होटल में किया काम

Meerut: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम मंगलवार प्रात: मेरठ से वापस चली गई। सोमवार शाम एक संदिग्ध को लेकर मेरठ पहुंची ने पठानकोट हमले के तार नहीं बल्कि उड़ीसा में चेन्नई एक्सप्रेस में लगाई आग के तार जोड़े। ये नक्सली हमला था और टीम के साथ संदिग्ध रामचंद्र चेन्नई एक्सप्रेस में लगी आग की घटना में नामजद है। रामचंद्र मेरठ में रह चुका है। कहा जा रहा है कि रामचंद्र नक्सलवाद से जुड़ा है।

नक्सली घटना में नामजद

एनआइए के डीआईजी प्रशांत कुमार से बातचीत के बाद मेरठ के डीआईजी आशुतोष कुमार ने बताया कि, एनआइए की टीम यहां पर पठानकोट हमले के संबंध में नहीं आई थी। उन्होंने बताया कि कुछ माह पूर्व उड़ीसा में चेन्नई एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी। ये एक नक्सली हमला था और मामले में रामचंद्र को भी नामजद किया गया था। डीआईजी ने बताया कि इस प्रकरण की जांच एनआईए दिल्ली को सौंपी गई है। जांच में पता चला है कि रामचन्द्र मेरठ में भी रह चुका है। डीआईजी आशुतोष के मुताबिक सोमवार को एनआईए के डीआईजी प्रशांत कुमार अपनी आठ सदस्यीय टीम के साथ रामचंद्र को लेकर मेरठ पहुंचे। उन स्थानाें की जांच की जहां रामचंद्र के रहने का शक था।

नहीं मिला पता

संदिग्ध नक्सली रामचंद्र ने पहले परतापुर क्षेत्र में एक होटल में काम करने का जिक्र किया, काफी खोजबीन के बाद भी वह होटल नहीं मिला। इसके बाद उसने दौराला क्षेत्र में एक होटल में काम करने की बात कही, लेकिन टीम को वह भी नहीं मिला। रामचंद्र ने दौराला शुगर मिल का नाम भी लिया। टीम वहां भी पहुंची और जांच पड़ताल की, लेकिन सफलता नहीं मिली। मेरठ डीआईजी के मुताबिक एनआईए की टीम रामचंद्र को लेकर वापस चली गई है। एलआईयू भी जांच पड़ताल कर रही है। सनद हो कि सोमवार को जैसे ही टीम मेरठ पहुंची थी तो यह बात सामने आने लगी थी कि टीम पठानकोट में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में एक संदिग्ध को लेकर यहां आई है। हालांकि मंगलवार को डीआईजी ने स्पष्ट कर दिया कि टीम के यहां आने का मकसद क्या था?

Posted By: Inextlive