राष्ट्रीय जांच एजेंसी टीम ने इस्लामिक स्टेट के एक नए मॉड्यूल 'हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम' के संबंध में कल दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 16 जगहों पर छापे मारे है।


* सिटी स्टेशन निवासी महिला के जरिए आरोपियों ने अकबरी गेट स्थित ज्वैलर को बेची थी ज्वैलरीlucknow@inext.co.inLUCKNOW: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)  व यूपी एटीएस की संयुक्त टीम की ताबड़तोड़ छापेमारी में अमरोहा से दबोचे गये आईएसआईएस के हरकतउल-हर्ब-ए-इस्लाम मॉड्यूल के सरगना मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने लखनऊ में ज्वैलरी बेचकर उससे मिली रकम से विस्फोटक व हथियार जुटाए थे। इस काम में एक महिला ने उसकी मदद की थी। पूछताछ में जानकारी मिलने के बाद टीम ने बुधवार तड़के राजधानी के सिटी स्टेशन व चौक के अकबरी गेट में छापेमारी की। इस दौरान महिला व एक ज्वैलर से टीम ने लंबी पूछताछ भी की गई, जिसमें इसकी पुष्टि हुई है।मां की बीमारी का बताया था बहाना


एटीएस सूत्रों के मुताबिक, एनआईए व यूपीएटीएस द्वारा अरेस्ट किये गए मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने पूछताछ में बताया था कि हथियार व विस्फोटक जुटाने के लिये उसने अपनी मां की ज्वैलरी लखनऊ में एक ज्वैलर को बेची थी। इस काम में सिटी स्टेशन इलाके में रहने वाली महिला ने उसकी मदद की थी। इस जानकारी के बाद एनआईए व यूपी एटीएस की टीम ने सिटी स्टेशन स्थित महिला के घर पर छापा मारा। आरोपी महिला ने टीम की पूछताछ में कुबूल किया कि उसी ने मुफ्ती मोहम्मद सुहेल की ज्वैलरी बेचने में मदद की थी। उसने बताया कि उसका बड़ा बेटा चौक स्थित एक मदरसे में तालीम ले रहा है। उसी के जरिए वह मुफ्ती मोहम्मद सुहेल से मिली थी। मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने उसे बताया था कि उसकी मां बीमार है, इलाज कराने के लिये उसे ज्वैलरी बेचनी है। उसकी बात का विश्वास करते हुए वह उसकी ज्वैलरी बिकवाने के लिये साथ गई थी।फेसबुक के जरिए हुई थी पहचानइसके बाद टीम ने महिला के बेटे से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी मुफ्ती मोहम्मद सुहेल से जान-पहचान फेसबुक के जरिये हुई थी। वे लोग अक्सर चैटिंग करते थे। इसी चैटिंग के दौरान मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने ज्वैलरी बेचने की इच्छा जताई थी। जिस पर उसने उसे लखनऊ बुलाकर मां से मिलवाया था। महिला ने बताया कि मुफ्ती मोहम्मद सुहेल के साथ एक अन्य युवक भी ज्वैलरी बेचने के लिये  आया था। ज्वैलरी बेचने के बाद वे दोनों रकम लेकर वापस लौट गए थे। वहीं, टीम ने महिला व उसके बेटे से मिली जानकारी के आधार पर चौक के अकबरी गेट स्थित नामचीन ज्वैलर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। ज्वैलर ने भी ज्वैलरी खरीदने की बात कुबूल की।

7 महीने पहले जेहादियों के संपर्क में आया-ऑटो चालक

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आईएसआईएस मॉड्यूल के सरगना मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने देवबंद से शिक्षा ग्रहण की थी। जिसके बाद से वह अमरोहा के हाशमी रोड स्थित मदरसा हाकिम महताबुद्दीन में बच्चों को धार्मिक शिक्षा देता था। बताया गया कि वह सात महीने पहले फेसबुक के जरिए जेहादियों के संपर्क में आया था। कई दिनों की चैटिंग के बाद उसे आईएस हैंडलर ने अपना मॉड्यूल बनाकर दिल्ली में साजिश फैलाने का निर्देश दिया था। उसे जेहादी साहित्य व बम बनाने के तरीके से रिलेटेड जानकारी दी गई। जिसके बाद उसने फेसबुक के जरिए उससे जुड़े साथियों को लेकर टेलीग्राफ एप पर ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप के जरिए ही उन लोगों ने दिल्ली दहलाने की साजिश रची थी। सलीम व रईस पर थी बम बनाने की जिम्मेदारीसूत्रों ने बताया कि मुफ्ती मोहम्मद सुहेल ने अमरोहा में वेल्डिंग का काम करने वाले सगे भाइयों सलीम व रईस को भी अपने साथ जोड़ा था। उन्हें फेसबुक के जरिए मिली जानकारी के आधार पर विस्फोटक को असेंबल कर बम बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। * मुफ्ती हाफिज सुहेल-निवासी मुहल्ला मुल्लाना अमरोहा।-बिहार के फुलवारी से मुफ्ती की डिग्री प्राप्त।-पांच भाई-बहन में सबसे छोटा।* इरशाद अहमद
-निवासी मुहल्ला पचदरा अमरोहा।-आठवीं कक्षा तक पढ़ा।-चार भाई-बहन में सबसे छोटा।* सईद और अनीस-निवासी सैदपुर इम्मा।-पांचवी कक्षा तक पढ़ा।-वेल्डिंग की दुकान पर मजदूरी।-दस भाई-बहन में पांचवें और छठे नंबर पर।* आजम अहमद (दिल्ली में गिरफ्तार)-मूल निवासी मुहल्ला बटवाल अमरोहा।-हाल निवासी जाफराबाद दिल्ली-शिक्षा- स्नातक।-चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर का

Posted By: Shweta Mishra