'मंजिल उन्‍हीं को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है पंखो से कुछ नहीं होता है दोस्‍त हौसलों से उड़ान होती है' इन लाइनों को एक 19 साल के दिव्‍यांग ने सच कर के दिखाया है। अक्‍सर लोग अपनी असफलता के पीछे सैकड़ों कारण बताते हैं। हम आप को आज एक ऐसे व्‍यक्ति से मिलाने जा रहे हैं जिसके जिंदगी जीने के तरीके को आप सलाम करेंगे।


जन्म से ही दिव्यांग हैं निकनिकोलस वुजिसिक एक 34 वर्षीय सफल प्रेरक वक्ता हैं। निक के जन्म से ही हाथ पैर नहीं हैं। कई डॉक्टर भी उनके इस विकार को सुधारने में असफल रहे। उन्हें अक्सर लगने लगा कि उनके जीवन का कोई उद्देश्य भी है या नहीं। पर उन्होंने कभी इस जीवन से हार नही मानी। हमेशा आम लोगों की तरह जिंदगी को जीने की कोशिश करते रहे। 19 साल की आयु में उन्होंने अपना पहला भाषण दिया। अब तक निक कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। अपनी प्रेरणादायी बातों से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। विश्वभर में आज निक के करोड़ों अनुयायी हैं। जो उन्हें देखकर प्रेरित होते हैं। 19 साल की उम्र में किये ढेरों काम
2007 में निक ने ऑस्ट्रेलिया से दक्षिण कैलिफोर्निया की लंबी यात्रा की थी। वहां वह लाइफ विथआउट लिम्बस के अध्यक्ष बने। अपनी इस बहादुरी के लिए उन्होंने ऑस्ट्रेलियन यंग सिटीजन अवार्ड भी जीता। निक एक सफल लेखक, संगीतकार, कलाकार हैं। उन्हें फिशिंग करना पेंटिंग और स्विमिंग का शौक है। वे सामान्य व्यक्ति की ही तरह गोल्फ और फुटबॉल खेलते हैं। तैराकी और सर्फिंग करते हैं। निक की सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बात यह है कि उनका जीवन के प्रति नजरिया और खुशी दुनिया को जिंदगी जीने का तरीका सिखा रही है।Weird News inextlive from Odd News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra