हरियाणा के चीकू और डॉ। गैंग की दुश्मनी का परिणाम हो सकता है सीकरी का डबल मर्डर केस

बिहार से हथियारों की खेप को लूटकर हत्या करने के तथ्यों पर जांच कर रही है आगरा की पुलिस

आगरा। थाना फतेहपुर सीकरी में हुए डबल मर्डर में मृतक विष्णु उर्फ निक्कू हरियाणा के कुख्यात गैंग डॉ। कुलदीप खाएरा गैंग में सरगना का राइट हैंड था। कई संगीन मामलों में वह हरियाणा पुलिस का वांछित बना हुआ था। साथ ही हरियाणा और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में दहशत का खेल खेलने वाले चीकू गैंग की आंख का किरकिरी था। डॉ। गैंग और चीकू गैंग में आपस में ठनी हुई है। इसका परिणाम शुक्रवार को फतेहपुर सीकरी में दिखाई दिया।

परिवार को किया शर्मसार

शुक्रवार को फतेहपुरसीकरी के राष्ट्रीय राजमार्ग-11 पर स्विफ्ट कार में सवार फौजी मनोज और निक्कू उर्फ विष्णु (ड्राइविंग लाइसेंस में लिखा नाम) को तड़के अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियों से भून दिया था। पुलिस के लिए ये केस चुनौती बन चुका है। शुक्रवार तक जिस विष्णु की पहचान नहीं हो पा रही थी, शनिवार को उसकी न सिर्फ शिनाख्त हुई बल्कि उसकी करतूतों ने परिवार को शर्मसार कर दिया। फौजी मनोज के साथ मारा गया विष्णु उर्फ निक्कू महेंद्रगढ़ में कुख्यात डॉ। कुलदीप खाएरा गैंग का सदस्य था। वह डॉ। कुलदीप का राइटहैंड था।

हरियाणा-राजस्थान में है एक्टिव गैंग

दरअसल, हरियाणा के महेंद्रगढ़ में दो गैंग सक्रिय हैं। दोनों की बीच आपस में ठनी हुई है। एक डॉ। कुलदीप खाएरा गैंग है। दूसरा गैंग का सरगना चीकू है। चीकू वर्तमान में महेंद्रगढ़ की जेल में बंद है, लेकिन उसके गुर्गे एक्टिव हैं। इधर, डॉ। गैंग भी लूट, हत्या, डकैती, भाडे़ पर हत्या, चौथ वसूली और रंगदारी में संलिप्त है। महेंद्रगढ़ के सूत्रों का कहना है कि दोनों ही गैंग भिवाड़ी, हिसार, गुड़गांव और महेंद्रगढ़ के अलावा राजस्थान और हरियाणा के सीमावर्ती जनपदों में अपने नेटवर्क से दहशत का खेल खेलते हैं।

रंगदारी मांगी गई थी

महेंद्रगढ़ पुलिस सूत्रों के अनुसार विष्णु उर्फ निक्कू लूट, हत्या के अलावा चौथ वसूली और रंगदारी में वांछित था। अभी एक महीने पहले महेंद्रगढ़ के एक प्रमुख कारोबारी प्रदीप माजरा से डॉ। गैंग ने 25 लाख रूपये की रंगदारी मांगी है। हालांकि कारोबारी ने इस संदर्भ में गैंग के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करा रखी है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पहले कुछेक कारोबारियों ने दहशत की वजह से रंगदारी का एक करोड़ से अधिक रूपया वसूल किया है।

कहीं हथियार तो नहीं लूटे गए

पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनकी कार बिहार की तरफ से आ रही थी। पुलिस को ऐसी जानकारी मिली है। ये भी आशंका बन रही है कि बिहार से कार में हथियारों की खेप लाई जा रही हो। गैंग को पता चल गया हो और गैंग के लोगों ने दोनों को मौत के घाट उतारकर हथियार लूट लिए हों। हथियारों की लूट और हत्या के पीछे एक तथ्य ये भी सामने आ रहा है कि ये घटना चीकू गैंग पर बीते महीनों में डॉ.गैंग द्वारा किए गए हमले की परिणति है। दरअसल, चीकू के साथी को डॉ। कुलदीप गैंग ने महेंद्रगढ़-नरौल रोड पर घेरा था। इसमें चीकू घायल हो गया और चीकू के साथी की हत्या हो गई। इसी घटना का बदला लेने के लिए ये गैंगवार हुआ।

फेसबुक पर करता था टारगेट का अपडेट

सूत्रों की माने तो पुलिस ने फेसबुक के जरिए गैंग की जानकारी हुई है। पुलिस ने निक्कू का फेसबुक चेक किया तो उसको लिंक मिला। इसी के बाद स्थिति कुछ साफ होती गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार फेसबुक पर निक्कू ये अपडेट करता था कि अगला उसका टारगेट कौन है। किसका मर्डर करना है और किससे चौथ वसूली होनी है।

फौजी की भूमिका संदिग्ध

विष्णु उर्फ निक्कू के साथ फौजी की हत्या ने पुलिस के दिमाग में एक नए तथ्य को जन्म दे डाला है। पुलिस जानकार बताते हैं कि यदि निक्कू की हत्या गैंगवार में हुई है तो इसमें मनोज उसका कदम-कदम पर साथ दे रहा था। मनोज की भूमिका संदेह के दायरे में आ चुकी है।

Posted By: Inextlive