- डिसएबल स्टूडेंट्स के लिए सीबीएसई ने मेंडेटरी किए टीचर्स

- बिना टीचर्स एफिलिएशन पर हो सकता है खतरा

- राइट टू एजुकेशन के तहत सीबीएसई ने लिया फैसला

GORAKHPUR: तारे जमीन पर मूवी के ईशान नंदकिशोर अवस्थी और उसके टीचर रहे राम शंकर निकुंभ तो आपको याद होंगे। जिस तरह से ईशान के दर्द को समझकर उसकी एजुकेशन को बेहतर करने में निकुंभ ने अहम रोल अदा किया था, वैसे ही अब शहर के सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल्स में पढ़ने वाले ईशान जैसे बच्चों की परेशानियों को दूर करने और उन्हें बेहतर एजुकेशन देने के लिए निकुंभ जैसे टीचर्स अप्वाइंट किए जाएंगे। ऐसे स्पेशल एजुकेटर्स को रखने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने सभी एफिलिएटेड स्कूल्स को आदेश जारी किया है। उन्हें इस सेशन से ही ऐसे स्पेशल टीचर्स अप्वाइंट करने हैं।

आम टीचर्स नहीं समझते परेशानी

स्कूल्स में टीचर्स अप्वाइंट कर लिए जाते हैं, लेकिन वह स्कूल में पढ़ने वाले मेंटली, विजुअली और फिजिकली चैलेंज्ड बच्चों को भी पढ़ा सकेंगे, इसके बारे में कोई नहीं सोचता। इसका नजीता यह निकलता है कि जब भी ऐसे स्टूडेंट्स परेशानी में फंसते हैं तो उनकी परेशानी को समझ न पाने की वजह से उनके प्रॉब्लम का सॉल्युशन प्रोवाइड नहीं हो पाता। डिसएबल होने की वजह से कोई उन पर खास ध्यान भी नहीं देता, जिसकी वजह से उनकी एजुकेशन उस लेवल की नहीं हो पाती, जिसके लिए वह एडमिशन कराकर स्कूल पहुंचते हैं।

सबको होगा फायदा

सीबीएसई की इस पहल का डिसएबल स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को काफी फायदा मिलेगा। एक तरफ जहां स्पेशल एजुकेटर्स अप्वाइंट होने से डिसएबल स्टूडेंट्स के एजुकेशन लेवल में काफी सुधार आएगा। वहीं उनकी परेशानियों को समझकर उनके प्रॉब्लम को सॉल्व करने वाले भी मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, पेरेंट्स को भी यह टेंशन नहीं रहेगी कि वह अपने बच्चों को सोसाइटी और जमाने के साथ कदमताल करने के लिए कैसे तैयार करें। वहीं, इससे स्कूल्स की भी यह टेंशन खत्म हो जाएगी कि इस तरह के स्टूडेंट्स को कैसे हैंडल किया जाए।

इसी सेशन से करना है अप्वाइंट

सीबीएसई की ओर से जारी किए सर्कुलर में सख्त हिदायत दी गई है कि स्पेशल एजुकेटर्स को इसी सेशन से अप्वाइंट करें, जिससे डिसएबल या स्पेशल नीड वाले स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम सॉल्व हो सके। यह फैसला राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत लिया गया है। गोरखपुर में करीब 44 सीबीएसई से एफिलिएटेड स्कूल्स हैं, जहां स्पेशल एजुकेटर्स तैनात किए जाने हैं। ऐसी कंडीशन में गोरखपुराइट्स के पास भी मौका है कि अगर उनके पास ऐसे बच्चों को समझने का हुनर है, तो वह परमनेंट जॉब हासिल कर सकते हैं।

वर्जन

सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल्स में इस सेशन से ही स्पेशल एजुकेटर्स अप्वाइंट किए जाने हैं। इसके लिए बोर्ड का सर्कुलर आ चुका है। इससे डिसएबल स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा।

- अजीत दीक्षित, प्रिंसिपल, नवल्स एकेडमी राप्तीनगर

Posted By: Inextlive