- इस बार कैंडीडेट की डिटेल चुराने में कामयाब नहीं हो रहे कॉलेज

- लास्ट इयर कई कालेजों पर हुई थी एफआईआर, चल रहे हैं केस

- कैंडीडेट के साथ फ्रॉड करने वाले कॉलेजों पर रखी जा रही नजर

Meerut: बीएड सेशन 2015-17 के लिए हाल में हुई काउंसलिंग के बाद कॉलेजों में बड़ी संख्या पर सीटें खाली रह गई हैं, जिसके चलते एक बार फिर काफी कॉलेजों पर बंदी की तलवार लटकती नजर आ रही है। पिछली बार कॉलेजों ने फ्रॉड करके स्टूडेंट्स के एडमिशन कॉलेज में कर लिए थे, लेकिन इस बार तो यह फंडा भी काम नहीं कर पाया। काउंसिलिंग में इस बार सीक्रेट कोड डिस्प्ले ही नहीं किया गया। साथ ही कैंडीडेट्स के द्वारा सावधानी बरती जाने से कॉलेज फ्रॉड नहीं कर पाए। फिलहाल अभी कॉलेज सेकंड काउंसलिंग का इंतजार कर रहे हैं।

यह है सीन

इस बार बीएड सेशन 2015-17 के लिए एंट्रेंस की संयुक्त परीक्षा लखनऊ यूनिवर्सिटी द्वारा 25 अप्रैल 2015 को कराई गई थी। कुल 1 लाख 63 हजार 250 कैंडीडेट्स ने एग्जाम दिया था, जिसमें 1 लाख 62 हजार 564 कैंडीडेट्स पास हुए थे। काउंसिलिंग के लिए सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी नौ जिलों के कॉलेजों की काउंसिलिंग दो सेंटर्स पर की गई। जिनमें एक सेंटर सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज और दूसरा आईआईएमटी कॉलेज शामिल है। 13 दिन तक तक चली काउंसिलिंग में करीब 10-15 फीसदी ही कैंडीडेट्स ने काउंसलिंग कराई।

कॉलेज वाले हैं परेशान

इन 13 दिन तक चली काउंसिलिंग में रैंक एक से लेकर आखिरी रैंक तक के कैंडीडेट्स को बुलाया गया। मेरठ में मौजूद बीएड के 290 कॉलेजों में सीटें आधी भी नहीं भर पाई। कॉलेजों ने काउंसिलिंग सेंटर के आसपास अपनी कैनोपी और पंफलेट तक बंटवाए। कैंडीडेट्स को तरह-तरह के लालच दिए, लेकिन एडमिशन करा पाने में काफी कॉलेज एकदम नाकाम रहे। पांच चरणों में हुई इस काउंसिलिंग में कॉलेज वाले अपना असर कैंडीडेट्स पर नहीं बना पाए। जिसके चलते कॉलेजों में करीब अस्सी से 90 फीसदी सीटें खाली रहीं। इसको लेकर कॉलेज वाले परेशान हैं।

गवर्नमेंट एडेड कॉलेज रहे च्वॉइस

इस काउंसलिंग में सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएड कॉलेजों की संख्या पिछले साल के मुकाबले घटकर 290 रह गई। जिनमें चालीस हजार से अधिक सीटें हैं। कॉलेज तो घट गए लेकिन बीएड करने वाले स्टूडेंट्स इन कॉलेजों को नहीं मिल पाए। काउंसिलिंग की पहली लिस्ट में मौजूद कैंडीडेट्स ने सरकारी व एडेड कॉलेजों को चुना। करीब छह हजार सीटें इन कॉलेजों की भर गई, लेकिन सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों की सीटें नब्बे फीसदी से अधिक खाली हैं। इन कॉलेजों को अब नेक्स्ट काउंसिलिंग का इंतजार है, जिसमें इनको कुछ उम्मीद नजर आ रही है।

कॉलेजों में सीटों का सीन

सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में कोऑर्डिनेटर डॉ। संदीप गुप्ता का कहना है कि आर्ट साइड में कैंडीडेट्स ने काफी एडमिशन लिया, लेकिन साइंस साइड वालों की सीटें अधिकतर खाली रहीं। इस बार कॉलेज वाले भी कोई खेल नहीं कर पाए। पिछली बार काउंसलिंग में पासवर्ड स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जा रहा था। जो कॉलेजों के फ्रॉड के चलते बंद कर दिया गया। इसके चलते कॉलेज वाले खेल नहीं कर पाए। जिन्होंने पिछली बार कैंडीडेट्स के गलत तरीके से सीक्रेट कोड चुराकर अपने यहां एडमिशन कर लिए थे। इसके बाद इन कॉलेजों पर एफआईआर हुई और यूनिवर्सिटी ने इनकी मान्यता खत्म करने का निर्णय लिया था।

जुलाई में सेकंड काउंसिलिंग

काफी कैंडीडेट्स कई कारणों से अपनी काउंसिलिंग नहीं करा पाए। करीब पांच सौ से अधिक कैंडीडेट्स डॉक्यूमेंट्स वेरीफिकेशन नहीं होने के कारण वापस चले गए। जुलाई के फ‌र्स्ट वीक में सेकंड काउंसिलिंग होने की उम्मीद है, जिसको लेकर कॉलेजों को भी उम्मीद नजर आ रही है। अगर इस काउंसिलिंग में भी कॉलेजों की सीटें पूर्ण नहीं होती तो इनके ऊपर एफिलिएशन खत्म होने की नौबत आ सकती है। जैसा कि पिछली बार हुआ। करीब पचास बीएड कॉलेज अपनी मान्यता खो बैठे। कुछ ने स्टूडेंट्स नहीं मिलने के कारण मान्यता वापस ले ली।

बीएड कॉलेजों की सीटें अभी काफी संख्या में खाली हैं। इस बार कॉलेज कैंडीडेट्स के सीक्रेट कोड को नहीं चुरा पाए। इसलिए भी कई कॉलेजों में सीटें खाली रह गई। अब कॉलेज वाले सेकंड काउंसिलिंग का इंतजार कर रहे हैं। जिसमें इनकी सीटें कुछ हद तक भरने की उम्मीद है।

- डॉ। संदीप अग्रवाल

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बीएड सेशन 2015-17

- लखनऊ यूनिवर्सिटी ने 25 अप्रैल 2015 को कराया था एंट्रेंस एग्जाम।

- 1 लाख 63 हजार 250 कैंडीडेट्स ने दिया था एग्जाम।

- पास हुए थे 1 लाख 62 हजार 564 कैंडीडेट्स।

-सीसीएस यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएड कॉलेज 290

-13 दिन तक तक चली काउंसिलिंग दस फीसदी कैंडीडेट्स आए।

Posted By: Inextlive