- महाप्राण निराला की 58वीं पुण्य तिथि पर स्मृति संवाद का आयोजन

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PRAYAGRAJ: महाप्राण निराला की 58वीं पुण्य तिथि पर निराला के निमित्र की ओर से यूनिवर्सिटी के डेलीगेसी आडिटोरियम में स्मृति संवाद आर्गनाइज हुआ। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध आलोचक प्रो। अजय तिवारी रहे। मुख्य वक्ता प्रो। अजय तिवारी ने छायावाद के इतिहासबोध की निरंतरता से रेखांकित करते हुए बताया कि छायावाद के दो महत्वपूर्ण कवियों में जयशंकर प्रसाद और निराला ने इतिहास से निरंतर संवाद किया। जयशंकर प्रसाद प्राण इतिहास, मिथक और प्राचीन इतिहास में जाते है। निराला मिथक के स्वरूप को डिस्टर्ब किए बगैर उसके बहाने अपनी बात रखते है। लेकिन उनका सरोकार वर्तमान के ठीक पहले के इतिहास से था। जो भारतीय इतिहास का मध्यकाल है। जागरण निराला के साहित्य का कीवर्ड है। यह जागरण ज्ञान, गुलामों के विरुद्ध मुक्ति के लिए संघर्ष के अर्थ में है। इसका फलक अत्यंत व्यापक है।

निराला साहित्य में समाहित है तीन प्रमुख प्रश्न

निराला के साहित्य में तीन प्रमुख प्रश्न शामिल रहते है। हिन्दू मुस्लिम सामाजिक संबंध, वर्ण व्यवस्था और स्त्री मुक्ति का सपना। इतिहास एवं समाज विज्ञानी प्रो। बद्री नारायण ने सवांदी वक्तव्य देते हुए कहा कि साहित्यकार के लिए जीवन बोध ही इतिहास बोध निर्मित करता है। मेमोरी का अपना समाजशास्त्र और राजनीति होती है। कोई रचनात्मक मेमोरी के माध्यम से इतिहास को कैस पुननिर्मित करता है। यह महत्वपूर्ण है। इसके पहले कार्यक्रम में स्वागत एवं प्रस्तावना डॉ। सूर्यनारायण ने किया। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन विवेक निराला ने किया।

Posted By: Inextlive