घर में बिखरे पड़े थे सामान, लूट का भी अंदेशा, दर्ज हुई रिपोर्ट

ननिहाल में गद्दी पर पैरेंट्स के साथ रह रहा था मृतक नागेंद्र भूषण

PRAYAGRAJ: गर्मी के चलते छत पर सो रहे दम्पत्ति को शुक्रवार की रात बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया. दोनों के शरीर पर कुल्हाड़ी व चापड़ से बेरहमी से कई वार किए जाने के निशान मिले हैं. इस दुस्साहसिक वारदात को खुलासा सुबह हुआ तो परिवार के साथ गांव के लोग सन्नाटे में आ गये. तीन मासूमों के अनाथ होने से घर में रोना-पीटना मच गया. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुला लिया. पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

रिटायर्ड दरोगा का बेटा है मृतक

बाघराय थाना क्षेत्र के बारो गांव निवासी हरिहर प्रसाद त्रिपाठी कुछ साल पूर्व दरोगा के पद से रिटायर हुए हैं. उनकी शादी खातू उर्फ शिवगढ़ निवासी तारापति मिश्र की इकलौती बेटी सोनरती देवी से हुई थी. उनके चार बेटे व एक बेटी हुई. तारापति ने अपनी सारी पम्पत्ति इकलौती बेटी सोनरती के नाम कर दी थी. ससुराल में गद्दी मिलने के बाद हरिहर प्रसाद पत्‍‌नी व तीसरे नंबर के बेटे नागेंद्र भूषण के साथ खातू उर्फ शिवगढ़ गांव में रहने लगा. उसके बाकी के पुत्र अपने मूल गांव बारो में रहते हैं. करीब आठ साल पहले उसने बेटे नागेंद्र की शादी महेशगंज के कुशहा निवासी कृपाशंकर मिश्र की बेटी मनोरमा देवी से की थी. मनोरमा के पिता कृपाशंकर भी पुलिस विभाग में दीवान हैं. इन दिनों उनकी पोस्टिंग गाजीपुर जिले के बहरियाबाद थाने में है. रात में नागेन्द्र भूषण त्रिपाठी और उनकी पत्‍‌नी मनोरमा देवी की हत्या कर दी गयी.

डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम

ननिहाल खातू उर्फ शिवगढ़ गांव में बस्ती से बाहर करीब साल भर पूर्व नागेंद्र भूषण खेत में रोड किनारे मकान बना लिया था. वह पत्‍‌नी मनोरमा देवी व बेटे अभय (7), जय (5) और डेढ़ साल की बेटी शिवानी के साथ इसी मकान में रहता था. बताते हैं कि करीब पांच छह माह पूर्व उसका जमीन और रास्ते को लेकर पड़ोसी से विवाद हो गया था. गांव वालों की मध्यस्थता कर विवाद समाप्त करा दिया था. बुधवार रात नागेंद्र पत्‍‌नी व बच्चों के साथ अपने इसी मकान की छत पर सो रहा था. मध्य रात्रि कातिल सीढ़ी लगाकर पड़ोसी के छत पर चढ़ गए. इस छत से वह सीधे वह नागेंद्र की छत पर जा पहुंचे. यहां छत पर सो रहे नागेंद्र भूषण व उसकी पत्‍‌नी मनोरमा के शरीर पर धारदार हथियार से कई वार किए गए. सिर से लेकर पेट व पीठ तक किए गए वार से दोनों को चीखने तक का मौका न मिला. बेदर्दी से किए गए हमले की वजह से दोनों की मौत हो गई. शनिवार को दो डॉक्टरों के पैनल व वीडीओग्राफी से दोनों के शव को पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम में नागेंद्र के सिर से शरीर तक सात व मनोरमा के बदन पर धारदार हथियार के पांच घाव पाए गए.

शुक्र था मासूमों को छोड़ दिए कातिल

जिस छत पर नागेंद्र भूषण व उसकी पत्‍‌नी मनोरमा सो रही थी वहीं बगल में उसके तीनों बच्चे अभय, अजय व शिवांशी भी सोई हुई थी. सुबह घटना की खबर सुनकर गांव से परिजन व ग्रामीण पहुंचे तो दहशतजदा उसके दोनों बेटे पास में रो रहे थे. डेढ़ वर्षीय बेटी शिवांशी मृत मां के पेट पर बैठ कर रोते हुए उसे जगाने की कोशिश कर रही थी. मासूम बच्चों की स्थिति देख हर किसी की आंखें नम हो गई. घटना से न सिर्फ परिजन बल्कि पूरे गांव में आक्रोश है. पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे गांव के राकेश सिंह, विनोद कुमार आदि का कहना है कि नागेंद्र भूषण निहायत सीधा व्यक्ति था. वह खेती किसानी कर परिवार पाल रहा था. छह माह पूर्व हुए विवाद को ग्रामीणों ने शांत कराया तो वह पूरी रंजिश भूल चुका था.

Posted By: Vijay Pandey