निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चार दोषियों को मिली मौत की सजा के खिलाफ दूसरी क्यूरेटिव पिटीशन भी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। यह पिटीशन मुकेश कुमार की ओर से दायर की गई है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। देश को झकझोर देने वाले साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में चारो दोषी विनय कुमार शर्मा, पवन गुप्ता, अक्षय कुमार सिंह और मुकेश सिंह फांसी का सामना कर रहे हैं। चारो दोषी 22 जनवरी को होने वाली फांसी से बचने के लिए हर संभव तरीका अपना रहे हैं। इसी क्रम में कल दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन का सहारा लिया। दोषी मुकेश कुमार की ओर से भी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई है। इससे पहले दोपहर में दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। विनय ने क्यूरेटिव पिटीशन में अपनी युवावस्था का हवाला देते हुए कहा है कि कोर्ट ने इस पहलू को विषम परिस्थितियों में अस्वीकार कर दिया है। 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में दी जाएगी फांसी
मंगलवार 7 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। अदालत ने कहा था कि उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। अदालत ने उनके नाम ब्लैक वारंट जारी करने के बाद क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के लिए दो सप्ताह का समय दिया।अपराधी विनय, पवन, अक्षय, और मुकेश सिंह के पास अब लिमिटेड टाइम है।क्यूरेटिव पिटीशन अदालत में शिकायतों के निवारण के लिए उपलब्ध अंतिम न्यायिक सहारा होता है। इसका निर्णय जजों द्वारा चेंबर में किया जाता है। दूसरी ओर मर्सी पिटीशन यानी कि दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष दायर की जाती है, जो इसे आजीवन कारावास की सजा देने का पाॅवर रखते हैं। पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया निर्भया के साथ दुष्कर्म करने वाले छह दोषियों में एक दोषी आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर चुका है। एक अन्य आरोपी किशोर को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था। वह तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा हो गया था। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में माैत हो गई थी।

Posted By: Shweta Mishra