दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पवन गुप्ता द्वारा दायर एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि दोषियों को 3 मार्च को फांसी नहीं होगी।

नई दिल्ली (पीटीआई) दिल्ली की एक अदालत ने 4 दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है और मामले को आगे के आदेशों के लिए टाल दिया है। दरअसल, दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने सोमवार को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने मंगलवार सुबह मौत की सजा पर रोक लगाने की पवन की नई याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया और सारी दलीलें सुनने के बाद दोषी के वकील को क्यूरेटिव और दया याचिका दायर करने में इतनी देर करने के लिए फटकार भी लगाई। पवन की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले ही खारिज कर दिया था।

2012 Delhi gang-rape case: A Delhi Court has deferred the matter as the mercy petition of one of the convicts, Pawan is pending before the President of India https://t.co/rwEpu1VLWk

— ANI (@ANI) March 2, 2020तिहाड़ के अधिकारियों ने कहा, सरकार के पाले में है गेंद

अदालत ने इससे पहले, दिन में पवन और अक्षय कुमार सिंह की डेथ वारंट पर रोक लगाने के आवेदनों को खारिज कर दिया था। हालांकि, पवन के वकील ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने दया याचिका दायर की है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके बाद, अदालत ने उन्हें अपने मामले पर बहस करने के लिए दोपहर के भोजन के बाद आने के लिए कहा। दोपहर के भोजन के बाद की सुनवाई में, अदालत ने सिंह को कहा कि 'आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए और किसी के एक गलत कदम का आप परिणाम जानते हैं। इसके अलावा सुनवाई के दौरान तिहाड़ के अधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर करने के बाद गेंद सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की अब कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पवन की दया याचिका पर जेल से स्टेटस रिपोर्ट मांगेंगे और जब ऐसा होगा, तो वह फांसी पर रोक लगाने के लिए मुकदमा करेंगे।

Posted By: Mukul Kumar