सुप्रीम कोर्ट में पवन की याचिका खारिज होने के बाद सुबह 5.30 बजे चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है।

नई दिल्ली (पीटीआई)निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह फांसी दे दी गई। इसके साथ ही सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का वह घिनौना और क्रूर अध्याय का अंत हो गया। इन चारों पर 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में 23 साल की एक छात्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का जुर्म था। मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई।

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पहली बार चार को एकसाथ फांसी

यह पहली बार है कि दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल में चार अपराधियों को एकसाथ फांसी दी गई है। इस जेल में 16,000 से ज्यादा बंदी हैं। इन चारों को फांसी उनके सभी संभव कानूनी अधिकार खत्म होने के बाद दी गई है। 22 जनवरी को पहली बार डेथ वारंट जारी होने के बाद से ही वे पिछले दो महीने से बार-बार फांसी टलवा रहे थे। जेल के डाइरेक्टर जनरल संदीप गोयल ने कहा कि उन्हें सुबह 5.30 बजे फांसी दी गई।

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दो सप्ताह बाद हार गई थी जिंदगी

निर्भया के साथ दुष्कर्म और दरिंदगी के बाद इन लोगों ने जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था, जाड़े की रात चलती बस से उन्हें मरने के लिए रोड पर फेक कर भाग गए। उसके साथ निर्भया के पुरुष मित्र को भी मार-पीट कर सड़क पर फेक दिया था। जब उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया वह बुरी तरह जख्मी थी। करीब दो सप्ताह तक लड़ने के बाद वह जिंदगी हार गई और उपचार के दौरान उसकी मौत सिंगापुर में हो गई थी।

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आखिरकार हुई फांसी

इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था। मुकदमा शुरू होने के कुछ दिन बाद ही एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। नाबालिग को तीन साल बाल सुधार गृह में बिताने के बाद 2015 रिहा कर दिया गया। इनकी फांसी का रास्ता निचली अदालत, दिल्ली हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति के यहां से होते हुए दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। आखिरकार यहां से भी 5 मार्च को जारी चौथे और अंतिम डेथ वारंट के मुताबिक उन्हें 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दे दी गई।

Posted By: Satyendra Kumar Singh