Nirbhaya case: दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में भी खारिज, 1 फरवरी को चारों दोषियों को होनी है फांसी
नई दिल्ली (पीटीआई)। Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन कुमार गुप्ता की विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई हुई। जस्टिस आर बानुमति, अशोक बुशान और ए एस बोपन्ना की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए दोषी पवन कुमार गुप्ता की दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। पवन ने याचिका में दावा किया था कि अपराध के वक्त वह नाबालिग था और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसके इस तथ्य की अनदेखी की है।
Nirbhaya case: SC rejects plea of death row convict claiming he was juvenile when crime was committed in 2012— Press Trust of India (@PTI_News)
पवन की जन्म तिथि 8 अक्टूबर, 1996
दोषी के वकील एपी सिंह ने बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कि पवन अपराध के समय किशोर था। स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार पवन की जन्म तिथि 8 अक्टूबर, 1996 है, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे नजरअंदाज किया है। बता दें कि 19 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने पवन की याचिका खारिज करते हुए उसके वकील पर 25 हजार रुपये का हर्जाना भी ठोका था। इसके अलावा फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए दोषी के वकील एपी सिंह को कड़ी फटकार भी लगाई थी। दिल्ली बार कौंसिल से उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था।
1 फरवरी को सुबह करीब 6 बजे फांसी
बता दें कि इससे पहले दोषी विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी का डेथ वारंट जारी हुआ था। हालांकि क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन की वजह से यह टल गई। इसके बाद दिल्ली की एक कोर्ट ने एक नया डेथ वारंट जारी किया। इसके मुताबिक अब 1 फरवरी को सुबह करीब 6 बजे फांसी होगी। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा संग 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। ऐसे में उपचार के दाैरान पीड़िता की माैत हो गई थी।