Nirbhaya Case देश को झकझोर कर रख देने वाले साल 2012 के निर्भया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाया दिया है। कोर्ट ने चार दोषियों में से दो की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर दी है।

कानपुर। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से दो की क्यूरेटिव पिटीशन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यूज एजेंसी पीटीआई के ट्वीट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर फैसला सुनाते हुए उन्हें खारिज कर दिया है। ऐसे में अब उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। बता दें कि जस्टिस एन वी रमना, अरुण मिश्रा, आर एफ नरीमन, आर बनुमथी और अशोक भूषण की पीठ में इन दोनाें याचिकाओं पर दोपहर सुनवाई हुई।

SC dismisses curative petitions of two of four death row convicts in Nirbhaya case

— Press Trust of India (@PTI_News) January 14, 2020


फांसी से बचने के लिए हर संभव तरीका अपना रहे

मंगलवार 7 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। अदालत ने कहा था कि उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। अदालत ने उनके नाम ब्लैक वारंट जारी करने के बाद क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। क्यूरेटिव पिटीशन पर जजों द्वारा इन-चेंबर्स निर्णय लिए जाते हैं और यह किसी व्यक्ति के लिए अंतिम कानूनी उपाय है। इसके बाद से कि चारों दोषी 22 जनवरी को होने वाली फांसी से बचने के लिए हर संभव तरीका अपना रहे हैं।
विनय और मुकेश ने दायर की थी क्यूरेटिव पिटीशन
बीते गुरुवार को पहले दोषी विनय कुमार शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। इसके बाद दोषी मुकेश कुमार की ओर से भी गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई थी। वहीं अक्षय और पवन गुप्ता, जिनके खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने मौत का वारंट जारी किया है, ने क्यूरेटिव याचिकाएं दायर नहीं की हैं। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म करने के साथ ही उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया था। उसकी 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में माैत हो गई थी।

Posted By: Shweta Mishra