Nirbhaya Case निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन कुमार गुप्ता की विशेष अवकाश याचिका पर सुनवाई होनी है। पवन का दावा है कि अपराध के समय वह नाबालिग था और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसके इस तथ्य की अनदेखी की है। वहीं निर्भया की मां कहना है कि इन याचिकाओं से दोषी फांसी को टालने की कोशिश कर रहे हैं।

कानपुर। Nirbhaya Case देश को झकझोर कर रख देने वाले 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में अब दोषी पवन ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में आज दोषी पवन कुमार की विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई होगी। पवन का दावा है कि जिस समय उसने यह अपराध किया था उस समय वह नाबालिग था और दिल्ली हाई कोर्ट ने उसके इस तथ्य की अनदेखी की है।

Supreme Court to hear today the Special Leave Petition (SLP) filed by Pawan Kumar Gupta, one of the convicts in 2012 Delhi gang-rape case. Pawan has claimed that he was a juvenile at the time of crime, and the Delhi High Court had ignored this fact. pic.twitter.com/7P0ohbBok3

— ANI (@ANI) January 20, 2020


रिव्यू पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी

वहीं पवन की इस याचिका को लेकर पीड़िता की मां आशा देवी का कहना है कि यह सब फांसी को टालने के तरीका है। पवन की याचिका 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई थी। रिव्यू पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। वह सिर्फ समय बर्बाद करने के लिए ऐसा कर रहा है लेकिन अदालत को इस पर ध्यान देना चाहिए। आशा देवी कहा कहना है कि मामले किे सभी दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे ही फांसी दी जानी चाहिए।

Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: It is just a tactic to delay the execution. His petition was cancelled in 2013 by SC. Review petition was also dismissed by the court. He's doing it just to waste time. But all the convicts must be executed on 1 Feb only. https://t.co/NdTEstgtqE pic.twitter.com/qoxy3pyb1D

— ANI (@ANI) January 20, 2020


हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी
दोषी पवन गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज जमा करने और अदालत में हाजिर नहीं होने के लिए उनके वकील वकील एपी सिंह को काफी फटकार भी लगाई थी। कोर्ट द्वारा बार-बार संदेश भेजने के बावजूद दोषी के वकील एपी सिंह अदालत में पेश नहीं हुए थे। इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली बार कौंसिल से उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर बस से फेंका था
बता दें कि इसके पहले दिल्ली की कोर्ट ने 7 जनवरी को दोषी विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी का डेथ वारंट जारीकिया था। हालांकि क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन की वजह से यह टल गई। बता दें कि 16 दिसंबर, 2012 की रात को दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा संग 6 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म कर चलती बस से बाहर फेंक दिया था

Posted By: Shweta Mishra