एनआईटी पटना में छात्र सुविधाओं की अनदेखी, लचर व्यवस्था के खिलाफ एनआईटी के स्टूडेंट्स ने उठाई आवाज

PATNA : नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) पटना के स्टूडेंट्स कैंपस में जारी लचर व्यवस्था को लेकर एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि इसकी स्थापना के 15 साल बाद भी कई समस्याएं यथावत हैं। इससे यहां के छात्र अन्य एनआईटी की तुलना में पिछड़ रहे हैं। इसकी कुल 45 सूत्री मांग है जिसे यहां के निदेशक के समक्ष भी रखा गया है। लेकिन निदेशक या एनआईटी प्रशासन ने उन समस्याओं के लिए कोई पहल नहीं की है। अब पीएम से इसकी शिकायत होगी।

हॉस्टल आवंटन नहीं

इस बार एमटेक के छात्रों को हॉस्टल आवंटन नहीं किया गया है। जबकि बीते वर्ष इन्हें हॉस्टल आवंटित किया गया था। इस समस्या को जब छात्रों ने एनआईटी प्रशासन के समक्ष उठाया तो बताया गया कि हॉस्टल में सीट नहीं है। जबकि बीते वर्ष कैसे आवंटन किया गया, इस पर प्रशासन मौन है।

पढ़ाई संतोषजनक नहीं

एनआईटी के छात्रों का कहना है कि यहां जो नए शिक्षक आए हैं, उनकी सजेक्ट डिलेवरी संतोषजनक नहीं है। विषय को लेकर जो कांसेप्ट राते हैं, वह संतोषजनक नहीं है। इसलिए यहां असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर की बहाली यूपीएससी के जरिए रिटेन टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर हो। छात्रों ने दावा किया कि कई आईआईटी और एनआईटी इस दो स्तरीय प्रक्रिया को अपना रहे हैं।

मेस में अच्छा खाना नहीं

एनआईटी पटना के छात्र संघ अध्यक्ष सुकुल कुमार सिंह का कहना है कि यहां छात्रों को मेस में अच्छा खाना भी नहीं मिलता है। जबकि अन्य एनआईटी में मेस में क्वालिटी खाना मिलता है। इस बारे में सुकुल कुमार ने कहा कि एनआईटी पटना 15 वर्षो से अस्तित्व में है। लेकिन कभी भी मेस में बेहतर खाना के लिए टेंडरिंग को सती के साथ अनुपालन नहीं किया गया। हर बार पहले से काम कर रहे रसोईया को ही रखा जाता है। इससे छात्रों को अन्य एनआईटी की भांति सुविधा नहीें मिल रही है।

सिक्योरिटी पर लापरवाही

छात्रों ने एनआईटी डायरेक्टर डॉ पीके जैन के समक्ष सिक्योरिटी का भी मुद्दा उठाया। सभी छात्रों का कहना था कि कैंपस प्राइवेट गार्ड होने के बाद भी सेफ नहीं है। क्योंकि एनआईटी कैंपस में सिक्योरिटी गार्ड से उनके हेड कैंपस के बाहर अपना निजी काम से गार्ड को इस्तेमाल करते हैं। इसके कारण कैंपस की सुरक्षा पर कभी भी खतरे में आ सकती है। जबकि अन्य एनआईटी कैंपस में गार्ड का सुपरवाइजर कोई सीनियर प्रोफसर के जिमे होता है। छात्रों ने आरोप लगाया कि एनआईटी प्रशासन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है।

दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से भी करेंगे शिकायत

एनआईटी के छात्रों ने कुल 45 मांगों को लेकर एनआईटी पटना के निदेशक प्रो। पीके जैन को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन उन्होंने कोई ठोस पहल अब तक नहीं की है। इस मामले पर दो दिन पहले ही एनआईटी निदेशक का पुतला फूंका गया था। जून माह में ही यह मुलाकात संपन्न हुई थी। अब इस मामले को लेकर दिल्ली में आवाज उठाया जाएगा। एनआईटी पटना के छात्र संघ अध्यक्ष सुकुल कुमार सिंह ने कहा कि जून में मीटिंग होने के बाद अब तक किसी मामले पर ठोस काम नहीं किया गया है। इसलिए अब इस मामले पर प्रधान मंत्री से मिलकर इसकी शिकायत की जाएगी।

प्रशासन ने नहीं दिया जबाव

इस पूरे मामले को लेकर एनआईटी प्रशासन का पक्ष जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने एनआईटी डायरेक्टर और डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर से फोन पर संपर्क किया। लेकिन दोनों में से किसी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि यह पूरा मामला सीधे तौर पर एनआईटी के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर का है।

अन्य एनआईटी की तुलना में यहां के छात्र क्यों पिछड़ रहें हैं। इस मामले को लेकर हमारा विरोध जारी है। पीएम से भी इसकी शिकायत करने जाएंगे। अन्य एनआईटी जैसी ही समान सुविधा एनआईटी पटना में हो।

सुकुल कुमार सिंह, अध्यक्ष, एनआईटी पटना छात्र संघ

Posted By: Inextlive