Jamshedpur: आदित्यपुर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एनआईटी के स्टूडेंट्स ने पूरे वल्र्ड में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. यूएसए में हुए एसएई एयरो डिजाइन ईस्ट-2014 कांटेस्ट में एनआईटी की टीम ने सेवेंथ पोजीशन हासिल किया है. टीम के इस अचिवमेंट से स्टूडेंट्स के साथ ही एनआईटी मैनेजमेंट भी काफी एक्साइटेड है.

हासिल किए 134 points
एनआईटी की एयरो मॉडलिंग व एयरो डिजाइनिंग टीम ‘टीम फोनिक्स’ ने यूएसए में हुए इस ग्लोबल कांटेस्ट में 134 प्वाइंट्स हासिल किए। सात राउंड के इस कॉम्पटीशन में टेक्निकल प्रेजेंटेशन के अलावा डिजाइन रिपोर्टिंग, ज्यादा से ज्यादा वेट लेकर उडऩे के साथ ही सबसे कम वेट वाले इस एयरो मॉडल ने पांच राउंड में बेहतर परफॉर्म किया, जबकि दो राउंड में उसका परफॉरमेंस बेहतर नहीं रहा।

Globally 7th और country में फस्र्ट पोजीशन

यूएसए के जॉर्जिया स्थित लॉकहेड मार्टिन मेरिïट्टा में आयोजित इस कॉम्पटीशन में ग्लोबली 75 टीम ने पार्टिसिपेट किया था, जिनमें कंट्री की सात टीमें शामिल थीं। एनआईटी की टीम इस कांटेस्ट में ग्लोबली सेवेंथ पोजीशन पर रही, जबकि कंट्री में फस्र्ट पोजीशन हासिल किया। इस कांटेस्ट में यूएसए यूनिवर्सिटी ऑफ मेन्नेसोटा ने फस्र्ट पोजीशन हासिल किया।

25 हजार रुपए में तैयार किया मॉडल

‘टीम फोनिक्स’ ने 25 हजार रुपए की लागत से इस माइक्रो एयरो डिजाइन मॉडल को तैयार किया और इसमें टाटा स्टील व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी हेल्प की। इसे बनाने में टीम के कैप्टन तरुण केडिया (मैकेनिकल इंजीनियरिंग थर्ड इयर) व वाइस कैप्टन आशीष रंजन (इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग, थर्ड इयर) के अलावा कुमार हर्षवद्र्धन, सुमित रंजन, अंकिता सिंह, अभिजीत, विशाल, दिव्या व पूजा जायसवाल ने हेल्प की। इस मॉडल को फैकल्टी डिजाइनर एमके सिन्हा की देखरेख में तैयार किया गया।

एक बार चार्जिंग के बाद 15 मिनट तक उड़ सकता है हवा में

एनआईटी के स्टूडेंट्स द्वारा तैयार किया गया यह एयरो मॉडल अपने आप में खास है। इस मॉडल को टीम फोनिक्स के वाइस कैप्टन आशीष रंजन ने एसएई एयरो डिजाइन ईस्ट-2014 में एग्जीविट किया। यह एयरो मॉडल एक बार बैट्री (1300 एमएएच) चार्ज करने के बाद 15 मिनट तक हवा में उड़ सकता है। एक किलोग्राम वजन वाले इस अनमैन्ड मॉडल को रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है और इसकी कैपिसिटी एक बार में 4 किलोग्राम वेट लेकर उडऩे की है।

Spy purpose से किया जा सकता है use

तरुण केडिया ने बताया कि इस मॉडल की खासियत यह है कि इसे छह पार्ट में डिवाइड किया जा सकता है और सबसे कम 3 मिनट में इसे दोबारा असेंबल भी किया जा सकता है। इसे एक व्यक्ति ऑपरेट कर सकता है। उन्होंने बताया कि इसका यूज जासूसी के लिए यूज किया जा सकता है। इसके साथ ही वैसे प्लेसेज, जहां लोगों का जाना पॉसिबल नहीं है, वहां का टेम्प्रेचर मेजरमेंट के साथ ही किसी भी दूर-दराज के प्लेस का पिक्चर व वीडियो भी लिया जा सकता है।

टीम फोनिक्स ने इससे पहले भी कई माइलस्टोन क्रिएट किया है। यूएसए में हुए कांटेस्ट में टीम ने बेहतर परफॉर्म कर इंस्टीट्यूट के साथ ही कंट्री का भी नाम रौशन किया है। आने वाले समय में टीम व एनआईटी स्टूडेंट्स इससे भी बेहतर परफॉर्म करेंगे।
-डॉ राजीव भूषण प्रोफेसर इंचार्ज, मीडिया रिलेशन

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