बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित जनगणना पर चर्चा के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं। इस बात की जानकारी खुद बिहार सीएम ने दी है।

पटना (एएनआई)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, मैंने जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए बिहार के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था। प्रधानमंत्री जी को 23 अगस्त को मिलने का समय देने के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत धन्यवाद है। नीतीश का जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोगी है और जाति आधारित जनगणना का पक्षधर है। राज्य के मुख्यमंत्री देश में जाति आधारित जनगणना की वकालत करते रहे हैं और इसको लेकर ही उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था।

जाति आधारित जनगणना करने के लिए बिहार के प्रतिनिधि मंडल के साथ आदरणीय प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था। आदरणीय प्रधानमंत्री का बहुत बहुत धन्यवाद कि 23 अगस्त को मिलने का उन्होंने समय दिया। @narendramodi

— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 19, 2021


जाति गणना की मांग सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की भी
सीएम नीतीश ने कहा, 'जाति गणना की मांग सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की भी है। हमारी पार्टी के सांसदों ने बीते 4 अगस्त को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा था। बिहार में विपक्षी दल भी हमारे साथ प्रधानमंत्री से मिलना चाहते थे। जाति आधारित जनगणना और देश के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका प्रभाव सरकार के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है, इस तथ्य को देखते हुए कि अगले साल सात राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे।
बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर सियासत हो रही है
नीतीश ने कहा कि 2019 में बिहार विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद में जाति आधारित जनगणना के संबंध में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था। राज्य विधानसभा में 2020 में एक बार फिर सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था। बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना कराने को लेकर सियासत हो रही है। सत्ताधारी जदयू (JDU) के अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) जैसे कई राजनीतिक दल भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं।

Posted By: Shweta Mishra