काशी विद्यापीठ में अध्ययन के दौरान ही 15 वर्षीय चंद्रशेखर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे

विश्वविद्यालय में जयंती पर नहीं हुआ कोई प्रोग्राम, आजाद की एक प्रतिमा जेल में है कैद

अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की सोमवार को शहर में 113वीं जयंती मनाई गई। मगर अफसोस कि जहां से उन्होंने महज 15 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता संग्राम में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दी, उसी विश्वविद्यालय में उन्हें भूला दिया गया। जी हां चंद्रशेखर आजाद ने अपनी पढ़ाई महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से ही की थी और यहीं से वे स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए थे। विद्यापीठ के छात्रसंघ भवन में चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के पास दोपहर तीन बजे तक सन्नाटा रहा।

छात्रों ने किया माल्यार्पण

इसकी खबर विश्वविद्यालय के छात्रों को हुई तो उनके समूह ने छात्रसंघ भवन का ताला तोड़कर पूरे परिसर को साफ किया। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

कैद में हैं आजाद

113 साल बाद भी सेन्ट्रल जेल में चंद्रशेखर आजाद बन्द हैं। आजाद की जयंती के अवसर पर जेल के अन्दर कोड़े लगने वाले ऐतिहासिक स्थल व पिछले वर्ष स्थापित प्रतिमा का दर्शन करने के लिये जेलर की परमिशन लेनी पड़ती है। यह आजाद भारत की विडम्बना ही है कि जो क्रांतिकारी कभी अंग्रेजों के गिरफ्त में नही आया उसकी प्रतिमा जेल की चाहरदिवारी में कैद है। बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्ययानंद राय ने कहा कि आजाद की प्रतिमा जेल के अन्दर उपेक्षित है। जहां आज युवाओं का रेला लगना चाहिये, वहां एक भी आदमी प्रतिमा के पास नहीं था।

इन्होंने भी मनाई जयंती

हिन्दू युवा वाहिनी पं। चंद्रशेखर आजाद मंडल की ओर से चंद्रशेखर आजाद जयंती के मौके पर लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में आजाद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। वहां से गुजरने वालों के बीच शर्बत का वितरण किया गया। मंडल प्रभारी अम्बरीश सिंह भोला, समेत संस्था के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे। अखिल भारतीय संयुक्त विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की ओर से आजाद पार्क में देर शाम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आजाद रे ऑफ होप संस्था की ओर से शाम 4:30 बजे आजाद पार्क में चंद्रशेखर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस दौरान जिला संरक्षक, प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव, जिला महासचिव प्रवीण वर्मा, प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ। दर्शानंद, डॉ। चंदा रानी उपस्थित रहीं।

Posted By: Inextlive