- यूनिवर्सिटी के आवासों का कॉमर्शियल यूज करने वालों हुई थी कार्रवाई

- सैलेरी रोकने का निर्देश दिए जाने के बाद भी खाते में पहुंच गई सैलेरी

-अकाउंट डिपार्टमेंट में नहीं पहुंचा कार्रवाई का लेटर

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में मनमानीयों का दौर चल रहा है। यहां कहने को एक्शन हो रहे हैं, लेकिन हकीकत में एक ढेला भी इधर से उधर नहीं हो पा रहा है। हालत यह है कि पिछले एक माह से चला कार्रवाई का लेटर अब तक 50 मीटर दूर तक नहीं पहुंच सका है, जिसकी वजह से कार्रवाई होने के बाद भी एंप्लाईज सैलेरी भी उठा रहे हैं, वहीं रेसिडेंशियल कैंपस में कारोबार भी करने में लगे हैं। इस मामले में रजिस्ट्रार ने फिर से छानबीन शुरू कर दी है।

कर रहे थे कॉमशिर्यल इस्तेमाल

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कुछ एंप्लाइज और शिक्षक यूनिवर्सिटी की ओर से मिली सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे थे। जहां उन्होंने अपना काम करने वालों को आसरा दे रखा है, वहीं कुछ इसके लिए वसूली भी करने में लगे हुए हैं। इसकी ढेरों शिकायत मिलने के बाद रजिस्ट्रार ने सभी को चेतावनी भरा लेटर जारी किया था, लेकिन इसके बाद भी कोई मानने को तैयार नहीं हुआ, तो सख्त कदम उठाते हुए रजिस्ट्रार ने ऐसे सभी लोगों की सैलरी भी रोकने के निदेर्1श दे दिए।

ऊपर से नीचे नहीं पहुंच सका लेटर

रजिस्ट्रार के सख्त रवैये के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने रजिस्ट्रार की ओर से सभी की सैलरी रोकने के लिए लेटर जारी कराया। इसमें साफ ताकीद की गई कि अगले आदेश तक इनकी सैलरी निर्गत न की जाए, लेकिन कार्रवाई का यह लेटर रजिस्ट्रार ऑफिस से फायनेंस ऑफिस तक नहीं पहुंच सका। इसकी वजह से फायनेंस ऑफिस ने किसी भी कर्मचारी या शिक्षक की सैलेरी नहीं रोकी और अब भी वह मनमानी पर उतारू हैं।

कार्रवाई के लिए लेटर लिखा गया था, लेकिन इसके बाद भी सैलरी जा रही है, इसकी जांच कराई जाएगी। लोगों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन उन्होंने नहीं माना, इसलिए उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है।

- सुरेश चंद्र शर्मा, रजिस्ट्रार, गोरखपुर यूनिवर्सिटी

किसी की सैलरी रोकने संबंधी कोई लेटर नहीं मिला है। अगर यह आया होता तो तत्काल एक्शन लिया जाता।

- बीरेंद्र चौबे, फायनेंस ऑफिसर, गोरखपुर यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive