-अब तक नहीं मिला सीबीआई टीम को ऑफिस

-कछुआ चाल से जांच, अब तक महज चार के बयान

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW: आपने एक कहावत तो कई बार सुनी होगी 'नौ दिन में चले अढ़ाई कोस', लेकिन सारा की मौत को लेकर सीबीआई की जांच तो इससे भी धीमी चल रही है। आलम यह कि सुविधाओं के अभाव में सीबीआई अब तक महज चार लोगों के ही बयान दर्ज कर सकी है। सीबीआई के ही सूत्र बता रहे है कि अगर इसी रफ्तार से जांच चली तो सारा की मौत का सच आने कई साल लग सकते हैं। बता दें कि मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की पुत्रवधु सारा सिंह की मौत फिरोजाबाद के सिरसागंज में बीते साल जुलाई में रहस्यमय हालात में मौत हो गई थी।

यह थी घटना

बीते वर्ष 9 जुलाई को पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी की पत्‍‌नी सारा सिंह की फीरोजाबाद के सिरसागंज में हुए रहस्यमय सड़क हादसे में मौत हो गई थी। हादसा अमन व सारा के दिल्ली जाते समय हुआ था। इस हादसे की खास बात यह थी कि सारा की मौके पर ही मौत हो गई थी लेकिन, उसके साथ कार पर सवार अमनमणि त्रिपाठी को एक भी खरोंच तक नहीं आई थी। इसी बीच लखनऊ में दर्ज अपहरण के एक मामले में वांछित होने की वजह से स्थानीय पुलिस ने अमनमणि को अरेस्ट कर लिया था। हादसे की जानकारी मिलने पर पहुंची सारा की मां सीमा सिंह नें उस वक्त थाना सिरसागंज में इत्तफाकिया तहरीर देते हुए बेटी की लाश लेकर लखनऊ चली गई थीं। हालांकि, सारा के शव का अंतिम संस्कार करने के बाद अगले ही दिन उन्होंने सारा की हत्या की आशंका जताई थी। पूरे मामले में सारा की मां सीमा सिंह ने सीएम अखिलेश यादव से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं व ऑफिसर्स से मुलाकात कर सीबीआई जांच की मांग की थी।

नहीं मिल सका दफ्तर

सारा की मां सीमा सिंह से मुलाकात के बाद सीएम अखिलेश यादव ने 24 जुलाई, 2015 को मामले की जांच सीबीआई से को सौंप दी थी। 22 अक्टूबर को सीबीआई ने प्रदेश सरकार की सिफारिश को स्वीकार करते हुए मामले की जांच के लिये डीएसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम बना दी। टीम ने पुलिस द्वारा की गई जांच और केस डायरी को तलब करते हुए जांच शुरू भी कर दी। सीबीआई ने तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन व कई ऑफिसर्स को चार बार पत्र लिखकर जांच टीम के लिये ऑफिस व गाड़ी की मांग की लेकिन, नौ महीने बीतने के बावजूद टीम को दफ्तर नहीं मिल सका। राज्य संपत्ति विभाग के सूत्रों की मानें तो सीबीआई पर उनका कई लाख रुपये बकाया है। जिसे देने में सीबीआई आनाकानी कर रही है। यही वजह है कि ऑफिस के लिये कमरे नहीं दिये जा रहे हैं।

चल रही खानापूरी

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि ऑफिस न मिल पाने की वजह से टीम मेंबर्स स्थायी तौर पर काम नहीं कर पा रहे और जांच के नाम पर सिर्फ खानापूरी हो रही है। ऑफिस व गाड़ी न मिलने की वजह से अब तक टीम ने दो बार घटनास्थल का दौरा किया और सारा की मां सीमा सिंह समेत महज चार लोगों के ही बयान दर्ज हो सके हैं। बुनियादी सुविधाओं के न मिलने की वजह से जांच की रफ्तार बेहद सुस्त हो गई है। जानकारों की मानें तो अगर जांच की रफ्तार इसी तरह सुस्त रही तो इसके निष्कर्ष तक पहुंचने में कई साल लग सकते हैं।

9 जुलाई 2015: फीरोजाबाद के सिरसागंज में सारा सिंह की रहस्यमय हादसे में मौत

24 जुलाई 2015: प्रदेश सरकार ने जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की

22 अक्टूबर 2015: सीबीआई ने सिफारिश को स्वीकार करते हुए जांच शुरू की

22 अक्टूबर को सीबीआई ने प्रदेश सरकार की सिफारिश को स्वीकार करते हुए

6 सदस्यीय सीबीआई टीम डीएसपी संतोष कुमार के नेतृत्व में जांच के लिए बनी

सीबीआई टीम को जरूरी सुविधाएं न देने से जांच प्रभावित हो रही है। ऐसा लगता है कि सरकार और उसके ऑफिसर्स ही नहीं चाहते कि सारा की मौत का सच सबके सामने आए और अमनमणि को उसके कर्मो की सजा मिल सके।

सीमा सिंह

सारा की मां

Posted By: Inextlive