RANCHI

भूमि विवाद से जुड़े मामलों और हत्याओं को रोकने के लिए पूर्व डीजीपी राजीव कुमार ने पुलिस अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग कर भूमि विवाद से जुड़े आपराधिक मामलों के अनुसंधान में तेजी लाने का निर्देश दिया था। जिन मामलों में पुलिस अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, उन मामलों के ट्रायल की मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया गया था। भूमि विवाद के कई मामले ऐसे आए थे, जिनमें अभियुक्त के खिलाफ कुर्की जब्ती की कार्रवाई करनी थी, लेकिन एक भी मामले में न तो किसी की कुर्की जब्ती हुई और न ही आरोपी पकड़े गए। यहां तक कि भूमि विवाद की जांच की जिम्मेवारी सीआईडी को सौंपी जानी थी, पर, वो भी नहीं हो सका। डीजीपी ने भूमि से संबंधित भू-माफियाओं की सूची बनाने और उन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन आदेश भी अब धूल फांक रही है।

जमीन विवाद में कई हस्तियों की हत्या

जमीन के कारोबार से मोटी कमाई की चाहत में दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं। राजधानी बनने के बाद रांची में जमीन ने कई लोगों की जानें ली हैं। हत्या के आरोपी पकड़े तो जाते हैं, लेकिन न तो जमीन विवाद में हत्याओं का सिलसिला थमा और न ही कोई कातिल को सजा मिल सकी। जमीन विवाद में भाजपा नेता सुरेंद्र राय, ओमप्रकाश उपाध्याय, महेंद्र लाहा, मुंबईया जावेद, आदित्य राम, राकेश कुमार उर्फ रेखिया, राजू चौबे, तेजनारायण सिंह, उमाशंकर सिंह, रामकिशुन महतो, टेनी मिश्रा, जगदीश चौहान, लाल मुरारी नाथ शाहदेव, लाल रंजीत नाथ शाहदेव, मुकेश सिंह समेत 80 से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

वर्दीवालों पर भी 'दाग'

शहर की एक चर्चित जमीन पर कब्जा दिलाने में उस समय रांची में तैनात एक चर्चित पुलिस अधिकारी ने न सिर्फ बिल्डर की मदद की, बल्कि अप्रत्यक्ष तौर पर उसमें शामिल भी रहे। वहीं मोरचो की जमीन पर भी एक वरीय पुलिस अधिकारी के एग्रीमेंट कराने की बात सामने आई है। जमीन घेराबंदी करने और कराने में आईपीएस ऑफिसर, थानेदार, डीएसपी, इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही के नाम शामिल हैं। रांची में तैनात मनोज सिंह, नीरज सिंह, नीरज कुमार सिंह समेत कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जिनपर जमीन कारोबार में लिप्त होने के कारण सदर थाने में आपराधिक मामला दर्ज है। इस मामले में कई पुलिसकर्मी सस्पेंड और बर्खास्त तक भी हो चुके हैं।

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Posted By: Inextlive