उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में डाॅक्टरों को प्रशासनिक और प्रबंधकीय कार्यों से डॉक्‍टरों को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को करने के लिए मैनेजमेंट ग्रेजुएट युवाओं को नियुक्त किया जाएगा।


लखनऊ (आईएएनएस)। कोरोना वायरस संकट के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डाॅक्टर्स को लेकर एक बड़ा आदेश दिया है। उन्हाेंने कहा है कि राज्य में डॉक्टरों को केवल क्लीनिकल और मेडिकल ड्यूटी के लिए तैनात किया जाना चाहिए। उन्हें प्रशासनिक या प्रबंधन कार्यों के लिए नहीं तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए मैनेजमेंट ग्रेजुएट युवाओं को मौका दिया जाएगा जिससे रोजगार बढ़ाने का अवसर मिलगा। इतना नहीं मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों के अधिकारियों को डॉक्टरों को प्रशासनिक पदों से मुक्त करने का निर्देश दिया है ताकि वे मरीजों की देखभाल कर सकें।लगभग 30 प्रतिशत पद खाली
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए यह फैसला किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के स्वीकृत 18,700 पदों में से लगभग 30 प्रतिशत पद खाली हैं। राज्य में मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे को देखते हुए, कम से कम 33,000 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 14,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की जरूरत है। महानिदेशक स्वास्थ्य के कार्यालय से उपलब्ध आंकड़ों में कहा गया है कि कम से कम 1,500 सरकारी डॉक्टर प्रशासनिक पदों पर हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शनिवार को हुई टीम 9 की बैठक में डाॅक्टरों को लेकर यह फैसला हुआ है।

Posted By: Shweta Mishra