-एमजीएम हॉस्पिटल में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की कोई व्यवस्था नहीं

-बढ़ गया है मरीज और उनके परिजनों पर इंफेक्शन का खतरा

JAMSHEDPUR: महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) हॉस्पिटल में बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है। इसे हॉस्पिटल कैंपस में जहां-तहां फेंका जा रहा है। एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड से महज ख्0 मीटर की दूरी पर स्थित मरकरी के पास काफी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट फेंका गया है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इससे पेशेंट्स और उनके परिजनों में इनफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। एमजीएम हॉस्पिटल में बायो वेस्ट के डिस्पोजल के लिए इंसीनरेट मशीन तो है, लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कोई ध्यान नहीं है।

हो सकता है जानलेवा

हॉस्पिटल कैंपस में फेंके गए बायो मेडिकल वेस्ट में एचआईवी पॉजिटिव, हेपेटाइटिस सहित अन्य कई तरह के संक्रमित पेशेंट्स के इस्तेमाल में लाए गए ब्लड के डिस्चार्ज पैकेट, डिस्चार्ज निडिल, दवाइयां समेत खून से सनी रूई शामिल हैं। डिस्चार्ज निडिल समेत कई तरह के अन्य बायो मेडिकल वेस्ट संक्रमित होने के साथ-साथ जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। संक्रमित पेशेंट्स के इस्तेमाल किए गए निडिल के संपर्क में आने से हॉस्पिटल आनेवाले पेशेंट्स के साथ-साथ उनके परिजन भी कई तरह की संक्रमित बीमारियों के चपेट में आ सकते हैं।

क्या है नियम

-हॉस्पिटल मैनेजमेंट को हॉस्पिटल से निकलने वाले बायो मेडिकल बेस्ट को तीन हिस्सों में विभाजित करना होता है।

-ब्लड, मांस के टुकडे इत्यादि चीजों को रेड कलर के डिब्बे में डालना होता है।

-कॉटन, सीरिंज, मेडिसिन्स इत्यादि पीले कलर के डिब्बे में डालने का प्रावधान है।

-पेशेंट्स के खाने के बाद बची वस्तुओं को ग्रीन कलर के डिब्बे में डालने का प्रावधान हैं।

-तीनों डिब्बे में जमा होने वाले पॉलिथिन बैग को क्लेव करके पीले रंग वाले डिब्बे के बायो वेस्ट को इनसीनरेट में बगैर हवा में जलाने का प्रावधान है।

क्या है नुकसान

-वेक्टर्स (मक्खी, मच्छर, सहित अन्य कीड़े-मकोड़े) के जरिए हॉस्पिटल आने वाले तथा आस-पास के लोगों में गंभीर इंफेक्शन वाली बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है।

-संक्रमित बीमारियों वाले पेशेंट्स के इस्तेमाल में लाई गई निडिल, ब्लेड से इंज्यूरी होने तथा उसके संपर्क में आने से बीमारी का खतरा रहता है। -हाइोडर्मिक निडिल्स, ट्यूब्स, ब्लेड्स बॉल्टस जैसी डिस्पोजेबल वस्तुओं से इंफेक्शन का खतरा रहता है।

-डिस्कार्डेड मेडिसिन्स के यूज से रिएक्शन का खतरा बना रहता है।

-कई केमिकल और फार्मास्यूटिकल ड्रग्स हर्जाडस होते हैं। इनसे इनटॉक्सिकेशन का खतरा रहता है।

पांच साल तक जेल

बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल में लापरवाही बरतने पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-क्98म् के अनुसार आरोपियों पर पांच साल तक का कैद और एक लाख रुपए फाइन या फिर दोनों सजा एक साथ देने का प्रावधान है।

Posted By: Inextlive