RANCHI: रांची नगर निगम के वार्ड-म् स्थित जयप्रकाश नगर पिछले तीन महीने से नर्क बना हुआ है। जहां बिना बारिश के ही रोड तालाब में तब्दील हो चुका है। स्थिति यह है कि लोगों का रोड पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं अपने ही घरों में लोग कैद रहने को मजबूर हैं। इसकी शिकायत सांसद विधायक से लेकर निगम के अधिकारियों को भी की गई। लेकिन आजतक समस्या जस की तस बनी हुई है। इसके विरोध में रविवार को लोग सड़क पर उतरे और कुछ देर के लिए आवागमन भी बाधित कराया। साथ ही सभी ने एक स्वर में कहा कि अगर क्भ् दिनों में इस समस्या का समाधान नहीं किया जाता है, तो रोड जाम किया जाएगा।

नाली का अधूरा निर्माण

निगम की ओर से नाली का निर्माण शुरू कराया गया था। लेकिन अधूरा निर्माण करके छोड़ दिया गया। ऐसे में नाली का सारा पानी रोड पर बह रहा है। चूंकि पानी की निकासी के लिए आगे नाली का निर्माण ही नहीं कराया गया। वहीं कुछ लोग अपने खटाल और सिवरेज का पानी भी उसी नाली में बहा रहे हैं। इससे रोड तालाब बन चुका है। ऐसे में गंदे पानी में ही डूबकर लोग आना-जाना कर रहे हैं। बताते चलें कि जय प्रकाश नगर में ख्00 घर हैं और यह रोड सभी घरों के लिए मुख्य रास्ता है।

सालों से नहीं बनी सड़क

जयप्रकाश नगर में क्भ् साल पहले रोड का निर्माण कराया गया था। इसके बाद से रोड को बनाने पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसके लिए भी सभी वरीय अधिकारियों के पास लोगों ने गुहार लगाई लेकिन आश्वासन के सिवा उन्हें कुछ नहीं मिला।

घरों में गंदा पानी सप्लाई

इस मोहल्ले में रहने वाले लोगों ने घरों में पानी का कनेक्शन लिया है। और पानी के लिए हर महीने बिल भी भर रहे है। पर उनके घरों में गंदा और दुर्गंध वाला पानी सप्लाई किया जा रहा है। जिसका उपयोग न तो पीने में हो रहा है और न ही किसी और काम में। ऐसे में लोग पीने के लिए जार वाला पानी खरीद रहे है।

क्या कहते हैं बाशिंदे

अपने ही घर में रहना हमलोगों के लिए मुसीबत बन गया है। दुर्गध के कारण घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गेट के बाहर ही ड्रेन का पानी है, तो बाहर निकलने के लिए भी सोचना पड़ रहा है। अगर यही स्थिति रही, तो हमलोग बीमार पड़ जाएंगे।

शंकर सिंह

इस रोड से आने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूली बच्चों को हो रही है। कई बार गाडि़यों के कारण कीचड़ से उनके कपड़े भी गंदे हो जाते हैं। कुछ बच्चे तो इसकी वजह से घायल भी हो चुके हैं। दुर्गध के कारण सांस लेने में भी परेशानी है।

सरोज

नाली का अधूरा निर्माण कराकर नगर निगम तो गायब हो गया। पार्षद को भी इसके बारे में सूचना दी तो उन्होंने कहा कि रोड का टेंडर हो गया है। लेकिन छह महीने बाद भी आजतक न तो रोड का काम शुरू हुआ और न ही नाली के लिए कोई काम किया गया। नाली नहीं होने की वजह से भी परेशानी हो रही है।

एके ठाकुर

घर से निकलने के पहले कई बार सोचते है कि निकलें या नहीं। ्अगर निकल भी जाते हैं तो गंदे पानी से डूबकर जाना पड़ रहा है। दुर्गध के कारण थोड़ी देर के लिए रुकना भी मुसीबत बन जाता है। इस वजह से बच्चे काफी परेशान होते हैं। अगर बस दूसरी साइड में रोक दे, तो मुसीबत और बढ़ जाती है।

संगीता

स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार राजधानी को स्वच्छ बनाने का दावा कर रही है। अगर स्वच्छता देखने वाली टीम यहां आ जाए तो रांची को क्या रैंकिंग मिलेगी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। एक रोड और नाली नहीं बना सकते, तो सिटी को स्वच्छ कैसे बनाएंगे।

शिखा वर्मा

जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा भी नाले के पानी में डूब गई है। हमारे घरों के सामने तो तालाब जैसा नजारा है। आखिर निगम के अधिकारियों को हमारी परेशानी दिखाई क्यों नहीं देतीं। जबकि विधायक जी दो किलोमीटर पर रहते है। एमपी साहब भी दो किलोमीटर पर हैं। रांची नगर निगम तो पूरा शहर देखता है।

नरेश प्रसाद

स्वच्छता केवल कागज पर ही है। अगर सच्चाई जाननी है तो हमारे इलाके में देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है। जमीन लेबल पर कोई काम निगम नहीं कर रहा है। हमारे पार्षद भी मोहल्ला देखने तक नहीं आते कि कहां क्या परेशानी है। आखिर हमलोग टैक्स किस बात के लिए देते हैं।

दीपक

मंदिर जाने के लिए लोगों का यही रास्ता है। अब लोग नाले के पानी में डूबकर पूजा भी करने जा रहे हैं। कई लोगों के कपड़े तो इससे गंदे हो जाते हैं। आखिर हमारी इस समस्या का समाधान कौन करेगा। निगम होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स लेने में कोई कसर नहीं छोड़ता, फिर सुविधा देने में पीछे क्यों हट जाता है।

दिवाकर मेहता

रोड, नाली और पानी सबकी स्थिति खराब है। नाली को अगर दुरुस्त नहीं किया गया तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। रात में तो लोग डरते हुए इस रास्ते से गुजरते हैं। गंदा पानी सप्लाई होने के कारण लोग पानी का बिल तो भर रहे हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। आखिर निगम कब सुधरेगा।

राजकिशोर

Posted By: Inextlive