आंध्र प्रदेश को विशेष राज्‍य का दर्ज देने के मामले में वाईएसआर कांग्रेस ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव का नोटिस दिया है। एनडीए सरकार से अलग हुई टीडीपी इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन कर रही है। वहीं इस मुद्दे ने कांग्रेस और टीएमसी को धर्मसंकट में डाल दिया है। फिलहाल वे इस मामले पर विचार कर रहे हैं। यदि 50 सांसदों का समर्थन मिल जाता है तो अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर सदन में चर्चा होगी।


सरकार के खिलाफ अविश्वास के लिए प्रयास शुरूवाईएसआर कांग्रेस के 6 सांसदों ने लोकसभा में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए नोटिस दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने इस मामले में समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। पार्टी के सांसदों ने विपक्षी दलों का जगन मोहन रेड्डी का पत्र सौंप कर समर्थन मांगा है। पत्र में आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की गई है। यह भी कहा गया है कि यदि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला तो सांसद सत्र के अंतिम दिन अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।आंध्र प्रदेश के लिए टीडीपी समर्थन को तैयार


राज्य की राजनीति के चक्कर में टीडीपी ने भी वाईएसआर कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार हो गई है। फिलहाल इसी मुद्दे पर टीडीपी ने भी एनडीए सरकार से अपना नाता तोड़ दिया है। जबकि कांग्रेस, टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दलों के लिए यह मुद्दा क्षेत्रीय से ज्यादा महत्व नहीं रखता है। अब वे उहापोह में फंस गए हैं कि इस मामले में वे वाईएसआर का समर्थन करें या नहीं। इस पर कांग्रेस विपक्ष के अन्य दलों से बातचीत कर रही है। इसके लिए वे शुक्रवार को किसी ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे।

जानें क्या है कांग्रेस पार्टी का धर्मसंकटवाईएसआर कांग्रेस ने कांग्रेस पार्टी सहित अन्य विपक्षी पार्टियों की दुविधा बढ़ा दी है। विपक्ष चाहता है कि पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले पर सरकार को संसद में घेरा जाए। यदि इस अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष एकजुट हो जाता है तो इसका कोई खास फायदा नजर नहीं आता। उल्टा पीएनबी घोटाला वाला मामला जरूर दब जाएगा। ऐसे में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां दुविधा में हैं कि वे एक क्षेत्रीय मुद्दे पर सरकार को घेरें या फिर एक राष्ट्रीय मुद्दे पर सरकार के नाक में दम करें। फिलहाल हालत ये है कि टीडीपी के अलावा और कोई विपक्षी पार्टी साथ आती है तो उन्हें भी मजबूरी में इस मुद्दे पर समर्थन करना ही होगा।

Posted By: Satyendra Kumar Singh