अब तक मकर संक्रांति स्नान पर्व से शुरू हो जाता था सहालग का दौर14 जनवरी को ही शुक्र ग्रह के अस्त हो जाने से आई है यह स्थिति

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ALLAHABAD: शादी विवाह का मौसम भले ही गुरुवार को शुरू हो गया, आने वाले नए साल के पहले महीने में शहनाई की गूंज नहीं सुनाई देगी। पांच वर्ष बाद ऐसा संयोग जनवरी में बना है। अब तक मकर संक्रांति स्नान पर्व के साथ ही खरमास समाप्त होता था और शादी-विवाह का दौर शुरू हो जाता था। लेकिन इस बार शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में अस्त रहने के कारण जनवरी में लग्न का संयोग नहीं बन रहा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि शुक्र को विवाह व वैभव का कारक ग्रह माना गया है। ये चौदह दिसम्बर को अस्त हो जाएंगे और तीन फरवरी तक अस्त ही रहेंगे।

 

14 दिसम्बर से लगेगा खरमास

शहर में शहनाई की गूंज गुरुवार से सुनाई देने लगी। मांगलिक कार्यो व शहनाई की गूंज का ये दौर दस दिसम्बर तक चलेगा। फिर चार दिन तक शादी विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं है। इसके बाद खरमास लग जाएगा। खरमास का असर अगले वर्ष 14 जनवरी तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि सूर्य की धनु व मीन राशि की संक्रान्ति से खरमास प्रारंभ होता है। इसका प्रभाव 16 दिसम्बर से 14 जनवरी 2018 की शाम 7.35 बजे तक रहेगा।

 

इसलिए जनवरी में नहीं होंगे विवाह

14 दिसम्बर की सुबह 9.10 बजे शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में अस्त हो जाएगा। इसका उदय चार फरवरी को भोर में पश्चिम दिशा में होगा। जब तक शुक्र का उदय नहीं हो जाता तब तक कोई शादी विवाह नहीं हो सकता।

 

इस सीजन की महत्वपूर्ण तिथियां

नवम्बर

16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 28 व 29

दिसम्बर

03, 04, 08, 09 व 10

 

विवाह व उससे संबंधित कार्यो के लिए शुक्र ग्रह को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 14 जनवरी को खरमास के समाप्त होने के बावजूद शुक्र पूर्व दिशा में अस्त हो जाएंगे और जनवरी भर अस्त ही रहेंगे।

पं। विनय कृष्ण तिवारी, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive