-वैशाली में अमित शाह ने सीएए पर आयोजित जन जागरण सभा को किया संबोधित

HAZIPUR/PATNA: वैशाली की धरती से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका। शाह ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही राजग के बिहार विस चुनाव लड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व पर किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर वैशाली में आयोजित जन जागरण सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जंगलराज में बिहार तीन परसेंट की दर से विकास कर रहा था जबकि राजग की सरकार में 11 परसेंट की दर से विकास हुआ है। लालू लूट-ऑर्डर का राज चलाते थे, हम लॉ एंड ऑर्डर का राज चला रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, अश्रि्वनी चौबे, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ और बिहार सरकार में शामिल भाजपा के मंत्रीगण उपस्थित थे।

प्रताडि़त लोगों को नागरिकता देने के लिए है सीएए

केंद्रीय कानून एवं संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएए नागरिकता देने का कानून है, छीनने के लिए नहीं। विरोधी दल आमजन के बीच इसके बारे में गलत सूचना प्रसारित कर भ्रमित कर रहे हैं। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताडि़त ¨हदू, जैन, सिख एवं पारसी धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए यह कानून बनाया गया है।

विपक्ष को गरीब के बेटे से नाराजगी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। संजय जायसवाल ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में वैशाली में हो रही जन जागरण सभा में उमड़ी भारी भीड़ ने बता दिया है कि आज पूरा देश पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ है। विरोधी दल सीएए कानून से नहीं, इस बात से परेशान हैं कि कैसे कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया गया। कैसे एक गरीब का बेटा दोबारा पीएम बन गया।

बिहार में भी लागू होगा सीएए

जबकि डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार समेत पूरे देश में सीएए लागू किया जाएगा। विरोध करने वालों को समर्थन में उमड़े इतना बड़े जनसमूह को देखना चाहिए। विपक्ष सीएए के विरोध में 50 हजार लोगों की रैली करेगा तो हम समर्थन में दो लाख लोगों की रैली करेंगे। यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। कहा कि कांग्रेस और राजद को ओवैसी एवं एमआइएम का डर है। आरक्षण का विरोध करने वाले आज जहां हैं, वही एनआरसी का विरोध करने वाले भी जाएंगे। 1951 में पाकिस्तान में ¨हदुओं की संख्या 13.5 फीसद थी जो अब घटकर मात्र 2 फीसद रह गई है। वहीं बंगलादेश में 22 फीसद से घटकर 5 फीसद ¨हदू रह गए हैं। वहां हिदुओं का हाल इतना बुरा है कि वे दीपावली मनाना तो दूर पूजा-पाठ तक नहीं कर सकते हैं। पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण कराया गया। ननकाना साहेब में जो हाल में हुआ वह तो सबको पता है। हमने भारत को पंथ निरपेक्ष मुल्क बनाया है। यहां एपीजे अबुल कलाम समेत कई मुस्लिम राष्ट्रपति बने। पाक में कोई ¨हदू और सिख सरकारी नौकर तक नहीं बन सकता है। धार्मिक प्रताड़ना के कारण दूसरे मुल्कों से लौटे लोगों को भारत की नागरिकता देने के लिए ही सीएए बनाया गया है। इस मुद्दे पर जितना विरोध होगा, हम उतने ही मजबूत होंगे।

Posted By: Inextlive