RANCHI: हॉस्पिटल में मरीज इलाज के लिए जाते हैं। लेकिन सदर हॉस्पिटल की मेन बिल्डिंग में मरीज पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं हॉस्पिटल में लगा वाटर प्यूरीफायर भी जवाब दे चुका है। ऐसे में हॉस्पिटल के सामने राम मंदिर के भरोसे मरीज पानी पी रहे हैं। इसके बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन मरीजों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं कर रहा है।

खरीदना पड़ रहा पानी

सदर हॉस्पिटल के जेनरल वार्ड में सभी मरीजों का इलाज होता है। जहां पर डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों से ग्रसित दो दर्जन से अधिक मरीज भर्ती हैं। लेकिन उन्हें पानी के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। वहीं कई मरीजों के परिजन पानी खरीदकर काम चला रहे है।

सुपरस्पेशियलिटी में हर फ्लोर पर है प्यूरीफायर

सदर की सुपरस्पेशियलिटी विंग में मरीजों के लिए हर फ्लोर पर एक-एक प्यूरीफायर लगा है। वहीं ओपीडी का अलग प्यूरीफायर है। लेकिन जेनरल हॉस्पिटल में मरीजों पर किसी का ध्यान ही नहीं है।

क्या कहते हैं मरीज व परिजन

हॉस्पिटल में पीने का पानी ही नहीं है। एक फिल्टर लगा है वह भी काम नहीं करता। आखिर मरीज पीने का पानी कहां से लाएंगे। हमलोग तो पीने का पानी खरीदकर ले आते हैं। उसी से मरीज को भी पिला रहे हैं और खुद भी पी रहे हैं। इतने बड़े हॉस्पिटल में पीने का पानी तो होना ही चाहिए।

भगत वर्मा

पानी के लिए राम मंदिर जाना पड़ता है। अगर वहां भी ताला लगा हो तो पानी खरीदने के अलावा कोई चारा भी नहीं है। अब दिन भर में कितना पानी खरीदकर पिएंगे। ऐसे में मंदिर के खुलने पर ही बोतल में पानी भरकर ले आते हैं, जिससे कि हमारा काम चलता है।

विशाल

पानी तो हॉस्पिटल में आता ही नहीं है। पीने के पानी के लिए मंदिर ही सहारा बना हुआ है। अब हर कोई तो पानी खरीदकर नहीं पी सकता। अगर इतने पैसे होते तो प्राइवेट हॉस्पिटल में ही इलाज करा लेते। यहां आने की जरूरत भी नहीं पड़ती। लेकिन मरीजों की सुनता कौन है।

चौधरी महतो

Posted By: Inextlive