- दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ई चालान को दिया जाना था बढ़ावा

- दिल्ली की तर्ज पर शुरू होना था ई चालान, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

LUCKNOW: दुर्घनाएं कम हो और यातायात नियमों का लोग पालन करने के लिए बाध्य हों, इसके लिए केंद्र ही नहीं, राज्य सरकार ने भी प्रर्वतन कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके तहत प्रदेश में ई चालान की सुविधा शुरू हुई। राजधानी में तैनात एआरटीओ प्रवर्तन में शामिल लोगों को ई चालान की ट्रेनिंग दी गई, लेकिन रोड पर हादसे रुके या नहीं, इसका प्रर्वतन दस्ते से कोई लेना-देना नहीं है। आलम यह है कि ई चालान को लेकर प्रवर्तन दल के अधिकारी सुस्त हैं। न तो ई चालान किया जा रहा है और न ही ई चालान को शुरू करने वाले अधिकारी भी इसमें रुचि ले रहे हैं।

कंट्रोल रूम से रखनी है नजर

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए लखनऊ और नोएडा में ई चालान का पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू हुआ। पायलट प्रोजेक्ट का इंचार्ज का जिम्मा मुख्यालय एआरटीओ संजयनाथ झा को दिया गया। मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से ही ई चालान पर नजर रखने के भी निर्देश दिए गए। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बीते 17 जून से ई चालान की प्रक्रिया शुरू हुई। सभी अधिकारियों को एक दिन में दस या फिर उससे अधिक चालान करने हैं। लेकिन पहले प्रवर्तन दस्ते में अधिकारियों की तैनाती नहीं थी।

एक हफ्ते में मात्र 30 चालान

प्रवर्तन दस्ते में शामिल होने के बाद भी अब तक ई चालान के कार्यो में तेजी नहीं आई है। हाल यह है कि पिछले एक हफ्ते में 30 से कम चालान हुए हैं। विभागीय अधिकारियों की दलील है कि अन्य कार्यो में उलझे होने के कारण लोग ई चालान पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। मुख्यालय स्तर से भी प्रवर्तन दस्ते से न तो रिपोर्ट मांगी जाती है और न ही ई चालान बढ़ाने के लिए कोई आदेश किया जाता है। ऐसे में रोड पर होने वाले हादसों में कोई कमी नहीं होने वाली।

ई चालान में तेजी लाई जाएगी। इसकी रोजाना रिपोर्ट लेकर समीक्षा की जाएगी। पब्लिक की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होगा।

- गंगाफल

अपर परिवहन आयुक्त, सड़क सुरक्षा

Posted By: Inextlive