RANCHI: राजधानी में कोरोना मरीज मिलने के बाद ही मोहल्ला लॉकडाउन शुरू हो गया। लेकिन यह सिलसिला लगातार जारी है। बाहर से आने वालों की एंट्री बंद करने के साथ ही बाहर से सामान मंगवाने पर भी रोक लगा दी गई है। जिससे कि कोई इंफेक्शन मोहल्ले के लोगों को न हो जाए। बताते चलें कि लोगों ने बैरीकेडिंग कर किसी भी बाहरी व्यक्ति के आने पर रोक लगा दी है चाहे वह घर का ही मेंबर क्यों न हो। कोरोना से सुरक्षा को लेकर उठाया गया यह कदम देखकर दूसरे इलाकों में भी लोग इसे अपना रहे हैं।

मोहल्ले की दुकान से ही राशन

प्रशासन ने सोशल डिस्टें िशंग के तहत राशन की होम डिलीवरी की फैसिलिटी शुरू की है। लेकिन मोहल्ला लॉक करने के बाद लोगों ने उसका भी पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। सामान लेकर आने वाला व्यक्ति भी लोगों में इंफेक्शन फैला सकता है। चूंकि वह सामान लेकर सिटी के अलग-अलग लोगों के संपर्क में आ रहा है। ऐसे में मोहल्ले की राशन दुकान से ही जो मिल रहा है उससे काम चला रहे हैं। हालांकि शुरुआत में लोगों ने अपने घरों में राशन का स्टॉक जमा कर लिया है।

क्या कहते हैं लोग -फोटो है

हमलोगों के घरों में तो राशन महीने भर का जमा रहता है। इमरजेंसी की स्थिति में ही कुछ सामान लाने की जरूरत पड़ती है। अब लॉकडाउन में लोगों को बीमारी से बचाने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, वह तो सही है। आसपास के लोगों की पहल भी ठीक है कि कोई बाहर से नहीं आएगा तो टेंशन नहीं होगी।

सुमित केशरी

मोहल्ला बैरीकेडिंग जरूरी है। इसलिए अभी तक हमारा मोहल्ला सेफ है। अगर लोगों का आना -जाना लगा रहे तो इंफेक्शन होने की संभावना होती है। चूंकि खुला रहने से फल-सब्जी वाले आते हैं। दूधवाला भी रोज आता है। इसलिए अभी सभी चीजों पर रोक लगा दी गई है ताकि टेंशन न हो।

अजय कुमार

कुछ दिनों का कष्ट है लेकिन यह कदम हमें कोरोना बीमारी से बचाएगा। अगर मोहल्ले को बंद नहीं किया जाता तो लोग आते हैं। अब बाहर के लोग किनसे मिले, कहां गए, यह भी टेंशन बनी रहती है। बाहर का सामान तो बिल्कुल नहीं मंगवा रहे हैं। आखिर लाने वाला व्यक्ति या सामान से भी तो इंफेक्शन हो सकता है।

दीपक राणा

Posted By: Inextlive