क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को हाल के दिनों में सफर के दौरान परेशानी झेलनी पड़ रही है. कभी उन्हें खराब खाना परोस दिया जाता है तो कभी खाने में खिचड़ी दी जा रही है. वहीं कई बार बेड रोल भी गंदा सर्व कर दिया जाता है. ऐसे में प्रीमियम ट्रेनों में भारी भरकम किराया देने के बाद भी पैसेंजर्स को वैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं जो उन्हें मिलनी चाहिए. यह देखते हुए रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन ने प्रबंधन के खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है. वहीं एसोसिएशन का कहना है कि रिपोर्ट देने के बाद भी प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इसका खामियाजा ट्रेन में सफर करने वाले पैसेंजर्स भुगत रहे हैं. लेकिन वे लोग अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे और टाइम-टाइम पर सरप्राइज विजिट कर ट्रेनों में व्यवस्था की पोल भी खोलेंगे. साथ ही पैसेंजर्स के हक की लड़ाई भी लड़ेंगे.

सरप्राइज विजिट में खुल गई पोल

प्रीमियम ट्रेन में पैसेंजर्स सफर करने के लिए हाई फेयर चुकाते हैं. इसके बाद भी ट्रेन में पैसेंजर्स को जनरल ट्रेनों वाली सुविधाएं मिलती हैं. अब राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेन में बिना फूड लाइसेंस के ही पैसेंजर्स को एजेंसी खाना परोस रही है. इसका खुलासा डीआरयूसीसी और छोटा नागपुर पैसेंजर्स एसोसिएशन के सरप्राइज विजिट में हुआ. जहां एजेंसी 8 महीने से बिना लाइसेंस के ही पैसेंजर्स को खाना खिला रही थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेलवे को पैसेंजर्स की सुविधाओं का ख्याल ही नहीं है. वहीं रविवार को मौर्या एक्सप्रेस के सेकेंड क्लास में हाई सिक्योरिटी के बावजूद चोरी की घटना भी कई सवाल खड़े कर रही है.

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वर्जन

राजधानी हो या मेल एक्सप्रेस सभी ट्रेनों के रख-रखाव की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. राजधानी एक्सप्रेस का कपलिंग खुल जाना दुर्भाग्य है. अगर पैसेंजर्स से भरी ट्रेन का एक्सीडेंट घाटी क्षेत्र में होता तो न जाने कितना नुकसान होता. अधिकारियों और कर्मचारियों को फुलकोर्स मोटिवेशन की जरूरत है. ऐसी घटना से तो यहीं लगता है कि अधिकारियों का भय और गलती पर नौकरी जाने का डर समाप्त हो गया है. खान-पान से लेकर तमाम सुविधाओं के लिए बार-बार गुहार लगाने के बावजूद सुधार होती दिखाई नहीं दे रही है.

प्रेम कटारूका, सदस्य रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति,

प्रदेश सचिव झारखंड पैसेंजर्स एसोसिएशन

राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. ट्रेन में अक्सर कुछ न कुछ शिकायतें सुनने को मिलती हैं. प्रीमियम ट्रेन में पैसेंजर्स को किराए के लिए अधिक पैसे चुकाते हैं. इसके बावजूद पैसेंजर्स को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंता का विषय है. हमलोगों ने विजिट के बाद उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भी सौंप दी है. उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन भी दिया. लेकिन आजतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. चूंकि सीनियर अधिकारियों ने एक टीम के एक्शन लेने की बात कहीं थी. लेकिन वह भी केवल दिखावा रह गया है.

संदीप नागपाल, रांची नागरिक समिति के सचिव,

छोटा नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन, डीआरयूसीसी सदस्य

Posted By: Prabhat Gopal Jha