RANCHI : रिम्स राज्य का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है, जहां से हर साल सैकड़ों डॉक्टर तैयार होकर निकलते हैं। लेकिन पढ़ाई के दौरान मेडिकोज को हॉस्टल में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने में प्रबंधन फेल साबित हो रहा है। कुछ ऐसी ही हालत रिम्स के ग‌र्ल्स हॉस्टल की भी है, जहां मेडिकोज का ख्याल रखने वाली वार्डन ही उनके लिए विलेन बन गई हैं। कंप्लेन करने वाले मेडिकोज को वार्डन की फटकार सुननी पड़ रही है। ऐसे में मेडिकोज अब डायरेक्टर से कंप्लेन करने की तैयारी कर रहे हैं।

समस्याएं खुद सॉल्व करते मेडिकोज

बाहर से पढ़ाई के लिए आई ग‌र्ल्स मेडिकोज हॉस्टल में ही रहकर पढ़ाई करती हैं। जहां उन्हें फ्रेंड्स के साथ ही पढ़ाई का माहौल भी मिलता है। ऐसे में हॉस्टल में फैसिलिटीज नहीं मिलने से उन्हें काफी दिक्कत होती है। वहीं वार्डन की फटकार से डरकर अब मेडिकोज खुद से ही अपनी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान कर रही हैं। चूंकि वार्डन से कंप्लेन करने पर उन्हें डांट खानी पड़ेगी।

पंखे खराब, गर्मी से परेशानी

ग‌र्ल्स हॉस्टल में नए स्टूडेंट्स को डोरमेट्री में जगह दी जा रही है। जहां एक-एक रूम में दर्जनों स्टूडेंट्स रहते हैं। वहीं पीजी हॉस्टल में भी एक रूम में दो-दो मेडिकोज को रहना पड़ रहा है। इसके बावजूद हॉस्टल में लगे दर्जनों पंखे जवाब दे चुके हैं। इस वजह से मेडिकोज को गर्मी में परेशानी हो रही है। इसे बनाने को लेकर उन्होंने कंप्लेन की, लेकिन आजतक पंखा बनाने कोई नहीं आया।

एक साल बाद भी वाई-फाई शुरू नहीं

हॉस्टल में ही मेडिकोज को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए वाई-फाई की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए पूरे हॉस्टल एरिया को वाई-फाई से लैस किया गया। लेकिन एक साल बाद भी वाई-फाई का स्विच तक ऑन नहीं किया गया। ऐसे में स्टूडेंट्स को अपने लैपटॉप पर पढ़ाई और प्रोजेक्ट तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। कई स्टूडेंट्स तो मोबाइल के सहारे ही काम चला रहे है।

Posted By: Inextlive