क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स के इमरजेंसी और ट्रामा में गंभीर मरीजों को इलाज के लिए लाया जाता है, जहां उनका दर्द कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है. आखिर हो भी क्यों न सीटी स्कैन और एमआरआई कराने के लिए उन्हें कड़ी धूप में तपना पड़ रहा है. वहीं लंबी वेटिंग होने पर मरीज झुलस भी रहे हैं. इतना ही नहीं, सेंटर जाने के लिए न तो ऊपर शेड है और न ही रास्ता है. ऐसे में मरीजों का दर्द और भी बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है.

कड़ी धूप में 100 मीटर सफर

हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों को राहत देने के उद्देश्य से पीपीपी मोड पर हेल्थमैप डायग्नोस्टिक सेंटर की शुरुआत की गई थी. जहां पर सरकारी दर पर ही मरीजों की सभी जांच की जाती है. रिम्स की मशीनें खराब होने के कारण अब मरीज वहीं का रुख कर रहे है. ऐसे में इमरजेंसी से सेंटर तक ट्राली पर ले जाने में 100 मीटर तक खुले आसमान के नीचे मरीजों को सफर करना पड़ता है. कड़ी धूप के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है.

खराब रास्ते में कई मरीज हुए चोटिल

इमरजेंसी-ट्रामा से मरीजों को सेंटर तक ले जाने के लिए व्हील चेयर और ट्राली का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन रास्ता खराब होने के कारण अक्सर ट्राली-व्हीलचेयर का बैलेंस गड़बड़ होता है और मरीज चोटिल हो जाते है. वहीं कई बार तो मरीज ट्राली से नीचे भी गिर चुके है. इसके बाद भी उबड़-खाबड़ रास्तों पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं गया. जबकि रिम्स के सीनियर अधिकारी समय-समय पर इंस्पेक्शन भी करते रहते हैं.

डेली चार दर्जन मरीजों का सीटी स्कैन व एमआरआई

रिम्स की सीटी स्कैन मशीन तीन महीने से खराब पड़ी है. ऐसे में सभी मरीजों को हेल्थमैप भेजा जा रहा है. वहीं एमआरआई के लिए भी मरीज वहीं जा रहे है. जिससे कि हर दिन चार से पांच दर्जन मरीज हेल्थ मैप जाते हैं. इसमें भी सभी मरीज गंभीर हालत में होते है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है खुले आसमान और खराब रास्तों पर ले जाने के दौरान उनकी क्या हालत होती होगी.

Posted By: Prabhat Gopal Jha