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Ranchi : अगर आपके पास कार है या बाइक है, तब तो ठीक है। लेकिन, अगर आपके चलने के लिए कोई साधन नहीं है और आपको पैदल ही चलना है, तो इस शहर में आपके लिए कदम-कदम पर खतरा है। रांची के जितने भी चौक-चौराहे हैं, चाहे कांटाटोली चौक हो, सुजाता चौक हो, रातू रोड, अल्बर्ट एक्का चौक, जेल चौक या लालपुर चौक हो, सभी जगह हमेशा ट्रैफिक जाम रहता है। इस जाम में सबसे अधिक परेशान पैदल चलनेवाले लोगों को होती है। यह परेशानी इसलिए होती है, क्योंकि शहर में पैदल चलनेवालों के लिए कहीं भी फुटपाथ नहीं है। पैदल चलने वालों के लिए जाम में तो तब स्थिति और भयावह हो जाती है, जब ट्रैफिक रुकने पर वो रोड क्रॉस कर रहे होते हैं और कोई गाड़ी सिग्नल तोड़कर आगे निकल जाता है।

पैदल चलनेवालों के लिए सिग्नल भी नहीं

रांची शहर में जहां भी ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स लगी हैं, उनमें सिर्फ ग्रीन और रेड सिग्नल ही जलता है। दूसरे शहरों में जहां पैदल चलनेवालों के लिए फुटपाथ है, वहां ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम में पैदल चलनेवालों के लिए अलग से सिग्नल होता है। लेकिन, रांची में यह सिग्नल नहीं जलता है। शहर में जितने भी चौक पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स हैं, उनमें फुटपाथ का भी सिग्नल है, लेकिन रांची में फुटपाथ की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह लाइट नहीं जलती है।

फुटपाथ के लिए कहीं जगह भी नहीं

कांटा टोली चौक, रातू रोड चौराहा, अरगोड़ा चौक, सुजाता चौक, लालपुर चौक और अल्बर्ट एक्का चौक ऐसे चौराहे हैं, जहां फुटपाथ बनाने के लिए कहीं जगह ही नहीं दिखती है। इन सभी चौक-चौराहों पर इतना अधिक एन्क्रोचमेंट है कि बहुत अधिक जाम लगने की स्थिति में पैदल चलनेवालों को बहुत परेशानी होती है। शहर के सभी बिजी चौक-चौराहों पर फुटपाथ के लिए कुछ जगह कहीं है भी, तो वहां दुकान लगानेवालों और ठेलावालों ने एन्क्रोचमेंट कर रखा है।

टकरा जाते हैं गाडि़यों से

शहर की सड़कों पर पैदल चलनेवाले लोग अक्सर किसी न किसी कार या बाइक से टकराकर गिरते हैं। कांटाटोली चौक पर जब जमशेदपुर से आनेवाली बसों और डंगराटोली की तरफ से आनेवाले ऑटो को सिग्नल पर रोका जाता है तो पैदल रोड क्रॉस कर स्टेशन की तरफ जानेवाले लोगों को परेशानी होती है और वो किसी न किसी गाड़ी से जरूर टकराते हैं। यह परेशानी शहर के लगभग हर चौक-चौराहे पर पैदल चलनेवाले लोगों के झेलनी पड़ती है।

जेब्रा क्रॉसिंग भी बेकार

शहर में कई चौराहों पर तो जेब्रा क्रॉसिंग भी नहीं है। जिन चौक-चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग है भी, तो यह लोगों के लिए परेशानी का सबब ही बन रही है। सर्जना चौक पर जो जेब्रा क्रॉसिंग है, वहां पैदल चलनेवाले लोगों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। ज्यादातर लोग जेब्रा क्रॉसिंग पर रुकते नहीं हैं और आगे बढ़ जाते हैं, जिससे पैदल चलनेवालों को परेशानी होती है। कई बार तो उन्हें गाडि़यों से टकराकर चोटिल भी हो जाना पड़ता है। पुरूलिया रोड से अल्बर्ट एक्का चौक की तरफ पैदल जानेवालों के लिए हमेशा टेंशन बनी रहती है। रोड क्रॉस करने के साथ ही उनको अल्बर्ट एक्का चौक की तरफ से आनेवाली गाडि़यों से हमेशा टकराने का डर होता है।

यहां थोड़ी कम होती है परेशानी

रांची का वीआईपी रोड है हरमू बाइपास रोड। इस रोड पर सहजानंद चौक है। इस चौक को नए तरीके से डेवलप किया गया है। यहां पहले जितने भी एन्क्रोचमेंट थे उनको हटा दिया गया है। इसकी वजह से यहां जाम नहीं के बराबर लगता है और लोगों को पैदल चलने में भी परेशानी नहीं होती है। इस ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात एएसआई बीबी गुरूंग कहते हैं- मैंने कई ट्रैफिक पोस्ट्स पर ड्यूटी की है, लेकिन यह सबसे अच्छच पोस्ट है। यहां जाम नहीं के बराबर होता है और पैदल चलनेवालों के लिए भी बहुत जगह रहती है।

जून में ही हो चुकी हैं चार मौतें

रांची शहर में पैदल चलनेवालों के लिए मौत भी उनके पीछे ही रहती है। पिछले महीने शहर की सड़कों पर चार मौतें हुईं। इनमें दो घटनाएं धुर्वा थाना क्षेत्र की हैं, जिसमें मॉर्निग वॉक के लिए निकले दो युवकों को रोड पर ट्रक ने कुचल दिया था। वहीं, पिछले दिनों लालपुर चौक के पास भी एक सब्जी वाले की मौत रोड पर जाने के दौरान ट्रक की चपेट में आने से हो गई थी। वहीं, ख्ख् जून को रातू रोड में भी पैदल अपने घर जा रहे एक पुजारी की मौत ब्07 ट्रक की चपेट में आने से हो गई थी।

'रांची में अभी फुटपाथ नहीं बना है, लेकिन हमलोगों ने टंडन कंसल्टेंसी को शहर का सर्वे करने के लिए दिया है कि वह शहर का सर्वे करके बताए कि कहां-कहां फुटपाथ बनाया जा सकता है। जैसे ही रिपोर्ट आएगी, हमलोग उसके लिए काम करेंगे.'

-मनोज कुमार

सीईओ, नगर निगम रांची

'हम पैदल चलनेवालों को रोड क्रॉस करने में बहुत परेशानी होती है। जब जाम लग जाता है, तो रोड क्रॉस करने में डर लगता है.'

-मंटू कुमार

स्टूडेंट

'हमलोग स्टूडेंट्स हैं। बाहर से यहां पढ़ने के लिए आए हैं। बाइक भी नहीं है। पैदल ही शहर में चलते हैं। लेकिन, फुटपाथ नहीं होने से रोड पर चलने में हमेशा एक्सीडेंट का डर लगा रहता है.'

-विकास कुमार सिंह

स्टूडेंट

'सबसे अधिक परेशानी जाम में होती है। भीड़ में जब रोड क्रॉस करते हैं, तो किसी न किसी गाड़ी से टकरा जाते हैं। फुटपाथ बनना चाहिए.'

-मुन्ना कुमार

लालपुर

Posted By: Inextlive