नौ साल पहले जब पापा सुधीर कुमार गुप्ता ने ब्वॉयज हाईस्कूल में दसवीं पास करने के बाद साइकिल खरीद कर दी तो थी, तब उन्होंने कहा था कि साइकिल से बेहतर कोई दोस्त नहीं हो सकता है। उनकी बातों का बहुत फायदा मिला और अब मुझे समझ में आ गया है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा था। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए साइकिल चलाने से बढ़कर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता है। इसलिए बिजनेस की व्यस्तता के बीच खुद को फिट रखने के लिए आज भी आधा घंटा साइकिल चलाता हूं। आज तो यह स्थिति हो गई है कि अधिकतर युवा साइकिल चलाने में शर्म महसूस करते हैं। उन्हें साइक्लिंग के फायदे नहीं मालूम हैं। अधिकतर युवा शरीर को मेन्टेन करने के लिए या तो जिम जाते हैं या फिर स्टेटस सिम्बल के रूप में फर्राटा बाइक चलाते हैं। लेकिन सिर्फ आधा घंटा साइकिल चलाकर खुद को मेन्टेन रखा जा सकता है। साइक्लिंग की आदत डालनी होगी। इससे शरीर मजबूत होगा और रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास होगा। इसीलिए कितनी भी बिजी लाइफ हो साइकिल चलाना नहीं छोड़ता हूं।

-ऋषभ गुप्ता, ओनर नव निर्माण

Posted By: Inextlive