अफसर-माननीयों के अहम में फूटे शहर के करम
इस साल शहर में न कोई नाली बनेगी न होगी खराब सड़कों की मरम्मत
न खराब स्ट्रीट लाइटें चेंज होंगी न सुधरेगा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम ALLAHABAD: इस साल न तो शहर में कोई नाली बनेगी और न ही नाला साफ होगा। न खराब स्ट्रीट लाइट बदली जाएगी और न ही खराब सड़कों की दशा सुधरेगी। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को भी पलीता लगेगा। यह हो रहा है नगर निगम में पिछले कुछ माह से पार्षदों और अफसरों के बीच चल रही अहम की लड़ाई के चलते। इम्पैक्ट यह है कि अवस्थापना निधि और 14वें वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि को शासन ने रोक दिया है। नतीजा इस साल के लिए प्रस्तावित सभी कार्य पेंडिंग हो गए हैं। फिलहाल बीच का कोई रास्ता निकलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। सभी 80 वार्डो की एक कहानीशहर में जगह-जगह रोड टूटी पड़ी हैं। पटरियां गायब हैं। नाले ध्वस्त हो चुके हैं, नालियां नहीं हैं। स्ट्रीट लाइट गायब हैं। अब साल भर में इन्हें ठीक कराने का रास्ता भी बंद हो गया है। डेवलपमेंट वर्क न होने से शहर के 80 वार्डो के लोग परेशान हैं। समस्याएं झेल रहे हैं। लोगों की इन समस्याओं से बेपरवाह शहर के पार्षद जीत-हार के गणित में जुटे हैं। शासन द्वारा प्रस्ताव रद्द करने को जहां कुछ पार्षद अपनी जीत बता रहे हैं वहीं कुछ इसे अपनी हार के रूप में ले रहे हैं।
खामियों ने लगाया ग्रहण मेयर और नगर निगम के अधिकारी मानें या न मानें शासन को भेजे गए प्रस्ताव में कई खामियां थीं। कुछ गलती नगर निगम के अफसरों ने की थी तो कुछ पार्षदों ने अनजाने में कर दी। उन्होंने विरोध दर्ज कराया था इस पर कि हो चुके काम को दोबारा न कराया जाय। प्रस्ताव में ऐसे कामों के शामिल होने का नतीजा है कि शासन ने 80 वार्डो में कराए जाने वाले कार्यो के प्रस्ताव को ही रद्द कर दिया है। पार्षदों ने प्रस्तावित कार्यो में कुछ वार्डो की अनदेखी व कुछ पर धनवर्षा का आरोप लगाया था। होने थे ये काम स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत, पार्किंग के लिए इंटर लॉकिंग रोड नालों व कलवर्ट की मरम्मत, सड़क और पटरियों के निर्माण इंटर लाकिंग कार्य, नाली निर्माण सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम का सुधार नगर निगम के कार्यालयों की मरम्मत कब्रिस्तान व शमशान घाटों का रखरखाव अवस्थापना निधि के कार्य जोन कुल कार्य प्रस्तावित धनराशि1 62 567.73 लाख
2 39 321.24 लाख 3 42 382.96 लाख 4 32 259.54 लाख 5 13 132.12 लाख 14वें वित्त योजना के कार्य जोन कार्य धनराशि 1 05 128.54 लाख 2 05 105.71 लाख 3 20 323.31 लाख 4 07 83.01 लाख 5 05 123.74 लाख प्रस्ताव में खामियां प्रस्ताव में कई ऐसे कार्य शामिल थे जो पहले हो चुके हैं। नगर निगम के पार्षदों ने लगाया था आरोपनगर निगम अधिकारियों को जांच में सही मिली थी शिकायत, इसके बाद रिपोर्ट भेजकर बताया गया था पहले हो चुके कार्यो को दुबारा नहीं कराया जाएगा
18 मई 2016 को शासन ने अवस्थापना व 14वें वित्त के कार्यो पर मेयर के अधिकार को समाप्त करने का आदेश दिया था पार्षदों ने सरकार के आदेश के बाद 18 मई को मेयर द्वारा जल्दबाजी में नगर आयुक्त व सचिव को बुलाकर 38 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृत करने का आरोप लगाया था सदस्यों की मीटिंग बुलाए बगैर 14वें वित्त और अवस्थापना निधि का प्रस्ताव तैयार करने का था आरोप कमिश्नर से की गई थी मामले की शिकायत, कमिश्नर ने कार्यो पर रोक लगाते हुए शासन को भेजा था प्रस्ताव आरोप की जांच के बाद शासन ने प्रस्तावित 38 करोड़ के कार्यो को किया रद्द आईनेक्स्ट ने किया था खुलासा 19 जून के एडीशन में आईनेक्स्ट ने 'सब गोलमाल है' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। उसमें बताई गई थी उन कार्यो की हकीकत जो पहले ही पूरे हो चुके हैं। शासन का निर्णय गलत है। प्रस्ताव में कमी थी तो जिम्मेदार अधिकारियों व मेरे खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। शहर का विकास कार्य रोकना गलत है। नगर विकास मंत्री से मुलाकात करके आग्रह करुंगी कि विकास कार्यो को न रुकने दें। अभिलाषा गुप्ता मेयर, नगर निगम