पुरानी ज्‍वैलरी बेचने पर अब तीन परसेंट जीएसटी लगेगी। तो आइए जानें पुरानी ज्‍वैलरी बेचकर उसी के पैसे से गहने बनवाने पर कितना जीएसटी लगेगा।


ज्वैलरी पर जीएसटी का गणितनए आभूषणों की खरीद पर लगने वाले जीएसटी से पहले चुकाए जा चुके इस टैक्स को घटा दिया जाएगा। पुराने आभूषणों अथवा सोने-चांदी के बिक्री मूल्य पर तीन परसेंट की दर से जीएसटी की वसूली की जाएगी। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने जीएसटी मास्टर क्लास में यह जानकारी दी। अगर पुरानी ज्वैलरी बेचकर उसी के पैसे से नए गहने खरीदे जाते हैं, तो नए आभूषणों की खरीद पर लगने वाले जीएसटी से पहले चुकाए जा चुके इस तीन परसेंट टैक्स को घटा दिया जाएगा।कैसे लगेगी जीएसटी?अढिया ने कहा कि मान लीजिए मैं एक ज्वैलर हूं। मेरे पास कोई व्यक्ति पुरानी ज्वैलरी लेकर आता है। इस पर मैं तीन फीसद जीएसटी वसूल करूंगा। अगर यह ज्वैलरी एक लाख रुपये की है तो इस पर 3,000 रुपए जीएसटी के कट जाएंगे।
अब बिक्री से मिली 97,000 रुपए की रकम से अगर ग्राहक नया आभूषण खरीदता है तो इस पर लगने वाले जीएसटी में से तीन हजार की उक्त टैक्स राशि समायोजित कर दी जाएगी।राजस्व सचिव के मुताबिक, अगर ज्वैलर के पास पुराने गहने सुधार या बदलाव करवाने के लिए लेकर जाते हैं, तो इसे जॉब वर्क माना जाएगा। इस पर पांच परसेंट जीएसटी वसूला जाएगा। अढिया से पूछा गया कि अगर नेटफ्लिक्स से फिल्म या टीवी शो डाउनलोड करते हैं, तो क्या जीएसटी लगेगा। इस पर उनका जवाब था कि यह अमेरिकी कंपनी पहले ही सर्विस टैक्स दे रही थी। अब इसकी जगह जीएसटी अदा करेगी। इसी तरह वेबसाइट या ब्लॉग पर विज्ञ्ाापन से जुड़े एक सवाल पर राजस्व सचिव ने कहा कि अगर पैसा सेवा देकर कमाया जाता है तो जीएसटी वसूला जाएगा। हालांकि वित्त मंत्रलय जल्दी ही वेबसाइटों पर विज्ञापनों के संबंध में तमाम प्रावधानों पर हितधारकों की राय लेने के बाद स्पष्टीकरण जारी करेगा।

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari