-गोरखपुर जेल में फांसी घर बन गया मेमोरियल

-बिस्मिल जी के बाद जेल में फांसी नहीं पूजा होती है

-फांसी की सजा होने पर गोरखपुर जेल के क्रिमिनल्स का कर दिया जाता है ट्रांसफर

GORAKHPUR : फांसी का फंदा और तख्त के पास खड़ा जल्लाद। जिसे देख पब्लिक क्या अपराधियों के भी माथे से पसीना और जुबां से आह निकल जाए। मगर गोरखपुर जेल में यह नजारा बिल्कुल अपोजिट नजर आता है। क्योंकि यहां फांसी घर की पूजा होती है तो फांसी के फंदे और तख्त के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। यहां फांसी घर क्रिमिनल्स की सजा का डेथ प्वाइंट नहीं बल्कि पूजा घर है। गोरखपुर जेल में फांसी की सजा नहीं दी जाती। ऐसा नहीं है कि गोरखपुर में क्रिमिनल्स नहीं है या फिर उनके जुर्म के लिए फांसी की सजा सुनाई नहीं जाती। क्रिमिनल्स भी है और फांसी की सजा भी होती है, मगर फांसी गोरखपुर जेल में नहीं होती।

म्0 साल से नहीं हुई फांसी

गोरखपुर जेल अंग्रेजों के समय मतलब क्89फ् की बनी है। आजादी के पहले यहां ऐसे सैकड़ों लोग जेल की बैरकों में बंद रहे, जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। फिर उन्हें इसी जेल में फांसी के फंदे से लटका दिया गया। हालांकि इसमें क्रिमिनल्स के बजाए अधिकांश क्रांतिकारी थे। ऐसा ही क्9ख्7 में भी हुआ, जब काकोरी कांड के मुख्य आरोपी पं। राम प्रसाद बिस्मिल को अंग्रेजों ने फांसी दी। देश आजाद हुआ तो इन अमर शहीदों की कुर्बानी को भला कौन भुला पाता? नतीजा गोरखपुर जेल में फांसी पर ही रोक लगा दी गई। इस फांसी घर को मेमोरियल बना दिया गया। इसके बाद से गोरखपुर जेल में कभी किसी को फांसी नहीं दी गई।

सुप्रीम कोर्ट से हो सजा, तो भी नहीं होगी फांसी

जेल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक गोरखपुर जेल में फांसी की सजा नहीं होती। कुछ दिन पहले अपनी मां की हत्या करने वाले बेटे राम सिंह को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। राम सिंह गोरखपुर जेल में बंद है। हालांकि यह सजा अभी फाइनल नहीं है, क्योंकि अभी उसके सामने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रास्ते खुले है। अगर सुप्रीम कोर्ट फांसी की सजा डिक्लेयर कर देता है तो भी क्रिमिनल्स को गोरखपुर जेल में फांसी नहीं दी जा सकती। क्योंकि यहां फांसी देने का प्रावधान खत्म हो गया है। ऐसे क्रिमिनल्स को दूसरी जेल भेजा जाएगा, जैसे नैनी जेल, इलाहाबाद या बरेली जेल। जहां फांसी के लिए पूरी व्यवस्था है। यही कारण है कि गोरखपुर जेल में फांसी की सजा वाले अपराधी को रखने की भी कोई व्यवस्था नहीं है, क्योंकि इन अपराधियों को अलग बैरक में रखने के साथ उन पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।

गोरखपुर जेल में फांसी नहीं दी जाती क्योंकि जो फांसी घर बना है, वहां अंग्रेजों के समय बिस्मिल जी को फांसी दी गई थी, जो अब मेमोरियल बन चुका है। इसलिए सरकार ने गोरखपुर जेल से फांसी देने का प्रावधान ही खत्म कर दिया है। यहां सिर्फ उम्र कैद वाले ही क्रिमिनल्स रह सकते हैं।

एसके शर्मा, सीनियर सुप्रिटेंडेंट

Posted By: Inextlive