RANCHI : डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को कोर्ट में पेश किया गया। शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज होनी थी, लेकिन गवाह नहीं पहुंचे। इस वजह से गवाही नहीं हो पाई। जबकि लालू प्रसाद, पूर्व सांसद डॉ। आरके राणा, जगदीश शर्मा, बेक जूलियस, फूलचंद सिंह सहित अन्य आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को भी होगी।

जारी हुआ था समन

सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने अदालत को बताया कि रांची स्थित टेलीफोन विभाग के तत्कालीन डिप्टी जीएम गिरधारी लाल और बोकारो के तत्कालीन पशुपालन पदाधिकारी डॉ। अरुण कुमार सिन्हा की गवाही होनी थी। इसके लिए समन जारी था, लेकिन गवाह नहीं आ सके। गिरधारी लाल से सीबीआइ का संपर्क नहीं हो पाया। वहीं डॉ। अरुण कुमार सिन्हा ने अचानक तबीयत खराब होने की सूचना दी है। उन्होंने आग्रह किया है कि वे 23 जनवरी को गवाही देने आएंगे। अदालत ने इस तिथि को गवाही के लिए स्वीकार कर लिया है।

बनाए गए हैं 799 गवाह, 450 की हो चुकी है गवाही

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी को लेकर सीबीआइ ने चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। मामले में सीबीआइ की ओर से 799 गवाह बनाए गए हैं। इसमें 450 की गवाही न्यायालय में दर्ज की चुकी है। मामले में 176 आरोपियों के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दायर किया था। 148 के खिलाफ चार्जफ्रेम हुआ। वर्तमान में 120 आरोपी न्यायालय में ट्रायल फेस कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive